NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    जम्मू-कश्मीर
    क्राइम समाचार
    कोरोना वायरस
    कोरोना वायरस वैक्सीन
    लखीमपुर रेप-हत्याकांड
    हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH)
    भू-धंसाव
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / देश की खबरें / कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना, जिन्होंने नोटबंदी के फैसले को बताया गलत?
    देश

    कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना, जिन्होंने नोटबंदी के फैसले को बताया गलत?

    कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना, जिन्होंने नोटबंदी के फैसले को बताया गलत?
    लेखन सकुल गर्ग
    Jan 02, 2023, 04:58 pm 1 मिनट में पढ़ें
    कौन हैं सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना, जिन्होंने नोटबंदी के फैसले को बताया गलत?
    जस्टिस बीवी नागरत्ना भारत की पहली महिला CJI बन सकती हैं

    सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने सोमवार को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया। जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने 4:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया। सिर्फ जस्टिस बीवी नागरत्ना नोटबंदी के फैसले से असहमत रहीं। आइए जानते हैं कि जस्टिस बीवी नागरत्ना कौन हैं और उन्होंने फैसले पर असहमति जताते हुए क्या कहा।

    दिल्ली में हुई थी जस्टिस नागरत्ना की शुरूआती पढ़ाई

    जस्टिस बीवी नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को कर्नाटक के मांड्या जिले के पांडवपुरा (तब मैसूर रियासत) में हुआ था। उनकी शुरूआती स्कूली शिक्षा दिल्ली के नामी भारतीय विद्या भवन स्कूल में हुई। उन्होंने 1984 में नई दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया। जस्टिस नागरत्ना ने इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ लॉ से वकालत में डिग्री हासिल की।

    कर्नाटक हाई कोर्ट में जज रह चुकी हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना

    जस्टिस बीवी नागरत्ना अगस्त, 2021 में सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले कर्नाटक हाई कोर्ट में जज थीं। उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में करीब 23 साल तक वकालत करने के बाद जज की भूमिका संभाली थी। उन्हें 2008 में हाई कोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। जस्टिस नागरत्ना को 2010 में कर्नाटक हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किया गया था।

    2021 में सुप्रीम कोर्ट की जज बनी थीं जस्टिस नागरत्ना

    जस्टिस नागरत्ना 31 अगस्त, 2021 को सुप्रीम कोर्ट की जज नियुक्त हुई थीं। उनके साथ तेलंगाना हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाई कोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी को भी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति मिली थी। यह पहली बार था जब सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने एक साथ तीन महिला जजों के नाम केंद्र सरकार के पास नियुक्ति के लिए भेजे थे।

    भारत की पहली महिला CJI बन सकती हैं जस्टिस नागरत्ना

    सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों की वरिष्ठता के हिसाब से जस्टिस बीवी नागरत्ना सितंबर, 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने की उपलब्धि हासिल कर सकती हैं। बतौर रिपोर्ट्स, इस दौरान वह सिर्फ 36 दिनों के लिए हीं CJI रहेंगी। अगर जस्टिस बीवी नागरत्ना CJI बनीं और इतने दिन के लिए CJI रहीं तो यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में किसी भी CJI का तीसरा सबसे छोटा कार्यकाल होगा।

    जस्टिस बीवी नागरत्ना के पिता भी रह चुके हैं CJI

    जस्टिस बीवी नागरत्ना के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रह चुके हैं। उन्होंने वर्ष 1989 में जून से दिसंबर के बीच छह महीनों तक CJI का पदभार संभाला था। उससे पहले वह भी कर्नाटक हाई कोर्ट में जज थे।

    जस्टिस नागरत्ना ने नोटबंदी को लेकर क्या कहा?

    जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी के फैसले पर असहमति जताते हुए इसे गैर-कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तय प्रक्रिया के तहत नोटबंदी नहीं की थी और यह एक अधिक गंभीर मुद्दा है जिसने अर्थव्यवस्था और नागरिकों को काफी प्रभावित किया। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार को नोटबंदी का फैसला अधिसूचना की जगह विधेयक के जरिए करना चाहिए था और ऐसे महत्वपूर्ण फैसले को पहले संसद के सामने रखा जाना चाहिए था।

    पहले भी कई अहम फैसले दे चुकी हैं जस्टिस नागरत्ना

    जस्टिस बीवी नागरत्ना ने वर्ष 2012 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ा एक अहम फैसला सुनाया था। उन्होंने सनसनी फैलाने के संदर्भ में मीडिया को नियंत्रित करने की बात कही थी। उन्होंने 2019 में कर्नाटक के मंदिरों में काम करने वालों को लेकर भी एक अहम फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के मंदिर कोई व्यावसायिक संस्थान नहीं हैं और काम करने वालों को ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जा सकता है।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    ताज़ा खबरें
    सुप्रीम कोर्ट
    नोटबंदी

    ताज़ा खबरें

    होंडा हर साल भारतीय बाजार में उतारेगी एक नई कार, जानिए कंपनी की योजना  होंडा मोटर कंपनी
    फिल्म 'छत्रपति' का हिंदी रीमेक इस दिन होगा रिलीज, बेल्लमकोंडा साई श्रीनवास करेंगे बॉलीवुड डेब्यू एसएस राजामौली
    टिक-टॉक CEO शो जी च्यू ने फेसबुक में की थी इंटर्नशिप, आज इतनी है उनकी संपत्ति टिक-टॉक
    व्हाट्सऐप पर आने वाले हैं ये नए फीचर्स, जानें किसमें क्या है खास व्हाट्सऐप

    सुप्रीम कोर्ट

    जिस कानून से गई राहुल गांधी की सांसदी, उसके प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका राहुल गांधी
    सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कोरोना महामारी के दौरान रिहा सभी कैदी 15 दिन में आत्मसमर्पण करें कोरोना वायरस
    जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं 14 विपक्षी पार्टियां, 5 अप्रैल को सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
    बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुनवाई करने को तैयार हुआ बिलकिस बानो

    नोटबंदी

    RSS को कौरव बताते हुए राहुल ने कहा- क्या पांडव कभी गलत GST या नोटबंदी करते? भारत जोड़ो यात्रा
    नोटबंदी के बाद 6 सालों में 86 प्रतिशत बढ़ा नकदी का उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक
    नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस और भाजपा भिड़ीं, जानें किसने क्या कहा कांग्रेस समाचार
    सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फैसले को कानूनी तौर पर सही ठहराया सुप्रीम कोर्ट

    देश की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    India Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023