नेताओं पर चुनाव आयोग की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट, कहा- लगता है आयोग जाग गया
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने मायावती की चुनाव आयोग द्वारा उनके चुनाव प्रचार पर लगाए बैन के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग ने आचार सहिंता के उल्लंघन के कारण मायावती को 48 घंटों तक चुनाव प्रचार से दूर रहने को कहा था।
मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर पर इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।
साथ ही कोर्ट ने आयोग द्वारा नेताओं पर की गई कार्रवाई पर संतुष्टि प्रकट की है।
जानकारी
आयोग के काम पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई संतुष्टि
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई पर संतुष्टि जताई है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है चुनाव आयोग अब जाग गया है और अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
ट्विटर पोस्ट
चुनाव आयोग जाग गया- सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court takes note of action taken by Election Commission against politicians who made statements violating model code of conduct and says, "it seems Election Commission has woken up to its power and taken action against politicians." pic.twitter.com/HcXowvqKeU
— ANI (@ANI) April 16, 2019
प्रतिक्रिया
मायावती ने कही यह बात
चुनाव आयोग के फैसले के बाद मायावती ने कहा कि आयोग ने उनके बयान पर सफाई को नजरअंदाज करते हुए पांबदी लगा दी।
उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत किसी को अपने विचार रखने से रोका नहीं जा सकता।
मायावती ने कहा कि आयोग ने बिना किसी सुनवाई उन्हें असंवैधानिक तरीके से वंचित कर दिया। उन्होंने इसे काला दिन बताया और कहा कि यह दवाब में लिया गया फैसला है।
बयान
मायावती ने दिया था विवादित बयान
मायावती ने देवबंद में एक चुनावी सभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से वोट मांगकर आचार संहिता का उल्लंघन किया था।
उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं को महागठबंधन के प्रत्याशी के लिए वोट करने को कहा था।
उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय अपना वोट बंटने न दें और सिर्फ महागठबंधन के लिए वोट दें।
चुनाव आयोग ने उनके इस बयान को आचार सहिंता का उल्लंघन माना है। बता दें कि कोई भी उम्मीदवार धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता है।
योगी आदित्यनाथ
योगी पर लगा 72 घंटे का प्रतिबंध
मायावाती के साथ-साथ चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी 72 घंटे का बैन लगाया है। यह बैन 16 अप्रैल सुबह 6 बजे से प्रभावी होगा।
मायावती के भाषण के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने 9 अप्रैल को दिए अपने भाषण में हिंदू-मुस्लिम के बीच 'अली-बजरंगी बली' की लड़ाई होने की बात कही थी।
उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो उन्हें बजरंग बली पसंद हैं।
जानकारी
बैन के दौरान ये काम नहीं कर पाएंगे दोनों नेता
बैन के दौरान योगी और मायावती किसी रैली को संबोधित नहीं कर सकते। उनके सोशल मीडिया का प्रयोग करने और इंटरव्यू देने पर भी पाबंदी होगी। हालांकि, इस बैन से उनके चुनाव पर कोई खास असर पड़ने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी आयोग को फटकार
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने योगी और मायावती के बयानों का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी।
कोर्ट ने आयोग से पूछा था कि वह मामले में क्या कार्रवाई कर रहा है।
कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, उसने कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया।
कोर्ट की फटकार के बाद अब आयोग ने दोनों नेताओं पर कार्रवाई करते हुए अन्य नेताओं को भी एक चेतावनी दे दी है।
जानकारी
मेनका गांधी और आजम खान पर भी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ और मायावती के अलावा भाजपा नेता मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान पर भी कार्रवाई की है। आयोग ने दोनों नेताओं पर 48 घंटों तक चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है।
मेनका गांधी
क्या था मेनका गांधी का बयान
मेनका गांधी ने सुल्तानपुर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैं जीत रही हूं। लोगों की मदद और प्यार से मैं जीत रही हूं, लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा।"
उन्होंने कहा, "इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए तो मैं सोचती हूं कि रहने दो, क्या फर्क पड़ता है।"
आजम खान
यह था आजम खान का भाषण
रविवार को आजम खान ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहीं भाजपा उम्मीदवार जयाप्रदा पर निशाना साधते हुए मर्यादा की सीमा पार कर दी थी।
उन्होंने कहा, "जिसको हम ऊंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिससे अपना प्रतिनिधित्व कराया, उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवियर खाकी रंग का है।"
हालांकि, उन्होंने अपने बयान में जयाप्रदा का नाम नहीं लिया था, लेकिन उनका इशारा उन्हीं की तरफ था।