SC ने सरकार से पूछा- उमर अब्दुल्ला को रिहा करोगे या नहीं, अगले हफ्ते मांगा जबाव
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने आज जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा कि उसका नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला को रिहा करने पर क्या विचार है।
कोर्ट ने कहा कि अगर प्रशासन की उमर को जल्द रिहा करने की मंशा है तो ठीक, नहीं उसे उमर की बहन सारा पायलट पर सुनवाई शुरू करनी पड़ेगी।
बता दें कि उमर को विवादित जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत हिरासत में रखा गया है।
पृष्ठभूमि
अनुच्छेद 370 हटाने से पहले हिरासत में डाले गए थे कश्मीरी नेता
5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से पहले केंद्र सरकार ने कश्मीरी नेताओं को हिरासत में ले लिया था।
इनमें तीन पूर्व उप मुख्यमंत्री, उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, भी शामिल थे। बाद में इन तीनों नेताओं पर जन सुरक्षा कानून (PSA) लगा दिया गया जिसके तहत बिना कारण बताए दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
भीड़ जुटा सकने की उमर की क्षमता के कारण उन पर PSA लगाया गया था।
याचिका
सारा पायलट ने अपनी याचिका में क्या कहा था?
उमर को हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उनकी बहन सारा पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। 5 फरवरी को उमर पर PSA लगाए जाने के फैसले को 'असंवैधानिक' बताते हुए सारा ने इसे उमर के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि उमर शांति केो पक्षधर हैं और ये साबित करने के लिए ट्वीट्स और सार्वजनिक बयानों के रूप में बड़ी मात्रा में सबूत मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट आदेश
"अगर उमर को रिहा कर रहे हैं तो जल्दी कीजिए, नहीं हम याचिका पर सुनवाई करेंगे"
इसी याचिका के संबंध में आज जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिर एमआर शाह की बेंच ने केंद्र सरकार से एक हफ्ते के अंदर उमर अब्दुल्ला की रिहाई पर जबाव दाखिल करने को कहा है।
बेंच ने कहा, "अगर आप उन्हें (उमर अब्दुल्ला) को रिहा कर रहे हैं तो जल्दी रिहा कीजिए या फिर हम याचिका के पक्ष और विपक्ष पर सुनवाई करेंगे।"
कोर्ट ने सरकार के वकील को सरकार की राय जानकर उसे सूचित करने को कहा है।
रिहाई
पिछले हफ्ते रिहा हुए थे फारूक अब्दुल्ला
गौरतलब है कि उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला को पिछले हफ्ते ही रिहा किया गया है। उन्हें भी PSA के तहत श्रीनगर स्थित उनके घर में हिरासत में रखा गया था। अब उनसे PSA हटा लिया गया है।
अपनी रिहाई के तुरंत बाद फारूक उमर और अपने अन्य परिजनों से मिले थे। सरकार से अन्य सभी नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा है कि वे उनकी रिहाई तक कोई भी राजनीतिक बयान नहीं देंगे।