कोरोना: घर-घर जाकर वैक्सीनेशन करने का आदेश देना संभव नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को घर-घर जाकर वैक्सीनेशन करने का आदेश देने से इनकार कर दिया। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान ठीक रफ्तार से चल रहा है और घर-घर जाकर वैक्सीनेशन करना संभव नहीं है। कोर्ट ने याचिका ठुकराते हुए कहा, "देश में महामारी की स्थिति और प्रशासनिक जटिलताओं को देखते हुए घर-घर जाकर वैक्सीनेशन का निर्देश संभव नहीं है, खासकर जब वैक्सीनेशन ठीक रफ्तार से चल रहा हो।"
कोरोना से हुई सारी मौतों के पीछे मेडिकल लापरवाही नहीं- कोर्ट
बुधवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने घर-घर वैक्सीनेशन के साथ-साथ एक और जनहित याचिका पर विचार से भी इनकार कर दिया। इस याचिका में कोरोना के कारण हुई मौतों को मेडिकल लापरवाही का कारण मानकर मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि कोरोना के कारण हुई सभी मौतों के पीछे मेडिकल लापरवाही को कारण नहीं माना जा सकता।
सरकार पहले ही कर चुकी है मना
बता दें कि कुछ राज्य सरकारों और नगर निकायों ने पूर्व में घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की योजना बनाई थी। इनका तर्क था कि चलने में असमर्थ और बुजुर्ग लोगों को घर-घर जाकर वैक्सीन लगाई जा सकती है। इसी से जुड़े एक मुद्दे पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने जून में बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया था कि उसके दिशानिर्देश घर-घर जाकर वैक्सीनेशन करने की अनुमति नहीं देते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी नीति नहीं लाई जा सकती।
जल्द आएगी मृतकों के मुआवजे की नीति
बीते सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की नीति न बना पाने के कारण केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने सरकार को नीति बनाने के लिए 11 सितंबर तक का समय दिया था। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही केंद्र सरकार मुआवजे को लेकर बनाई गई नीति सुप्रीम कोर्ट को सौंप सकती है। कोर्ट ने 30 जून को मुआवजा देने के निर्देश दिए थे।
धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा वैक्सीनेशन अभियान
भारत में जनवरी से शुरू हुआ वैक्सीनेशन अभियान धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है और आधी से अधिक व्यस्क आबादी को कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है। देश में अब तक 70,75,43,018 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 78,47,625 खुराकें बीते दिन लगाई गई थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 54,05,57,826 लोगों को पहली और 16,69,85,192 लोगों को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। सरकार ने दिसंबर तक व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है।