महाराष्ट्र सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट में साईबाबा की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा समेत 5 अन्य की रिहाई को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। लाइव लॉ के मुताबिक, न्यायमूर्ति बीआर गवई और संदीप मेहता की पीठ ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाई कोर्ट का निर्णय बहुत अच्छी तरह से तर्कपूर्ण है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, "2 अलग-अलग पीठों द्वारा बरी करने के 2 आदेश हैं। प्रथमदृष्टया हम पाते हैं कि निर्णय बहुत तर्कसंगत है। चूंकि पहले इस कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, हमें इसका सम्मान करना होगा, लेकिन हाई कोर्ट द्वारा बहुत ही तर्कसंगत निर्णय लिया गया है। बरी करने के आदेशों में हस्तक्षेप के पैमाने बहुत सीमित हैं।" न्यायाधीश गवई ने कहा कि एक बार बरी करने का आदेश आ जाता है तो वह अनुमान मजबूत हो जाता है।
2014 में UAPA के तहत गिरफ्तार हुए थे साईबाबा
पूर्व प्रोफेसर साईबाबा 2014 में माओवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार हुए थे। 2017 को उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2022 में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने उन्हें रिहा कर दिया था। 24 घंटे में 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को पलट दिया था। हालांकि, इस साल 5 मार्च को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें फिर बरी कर दिया।