पराली जलाने की घटनाओं में इस साल 30 प्रतिशत कमी, हरियाणा का बेहतर प्रदर्शन
दिल्ली और आसपास के इलाकों में इस साल भी लोगों को जहरीली हवा में सांस लेने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि, इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के अनुसार, 2021 की तुलना में इस साल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पराली जलाने की घटनाएं 31.5 प्रतिशत कम हुई है। NCR में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के भी कुछ जिले आते हैं।
इस साल पराली जलाने की लगभग 54,000 घटनाएं
पिछले साल पराली जलाने की 78,550 घटनाएं दर्ज हुई थीं, जो इस साल घटकर 53,792 रह गई हैं। इस साल पंजाब में सबसे ज्यादा 49,922 ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत कम है। हरियाणा ने इस दिशा में बेहतर काम किया है और राज्य में इस साल पराली जलाने की 3,661 घटनाएं दर्ज हुईं, जो पिछले साल के मुकाबले 47.60 प्रतिशत कम है।
NCR जिलों में भी कम जली पराली
NCR में आने वाले उत्तर प्रदेश के जिलों की बात करें तो यहां इस साल 198 जगहों पर पराली जलाई गई, जबकि पिछले साल यह संख्या 252 थी। इस तरह यहां 21.43 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। दिल्ली में 2021 में चार जगहों पर पराली जलाई गई थी, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर 10 हो गई। बता दें कि सरकारों की तरफ से लगातार पराली जलाने पर रोक लगाने की कोशिशें हो रही हैं।
कैसे चलता है पराली जलाने की घटनाओं का पता?
पराली जलाने की घटनाओं का पता अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के सैटेलाइट्स से चलता है। पंजाब के 23 जिलों में से संगरूर, भठिंडा, मोगा, मुक्तसर और फिरोजपुर में राज्य की कुल घटनाओं में से 43 प्रतिशत दर्ज हुई। अकेले संगरूर में 5,916 जगहों पर पराली जलाई गई। वहीं भठिंडा और फाजिल्का ऐसे जिले रहे, जहां पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की ज्यादा घटनाएं हुईं। लुधियाना में इस साल 2021 की तुलना में 50 प्रतिशत ही पराली जलाई गई।
हरियाणा के इन पांच जिलों में जली सबसे ज्यादा पराली
हरियाणा की बात करें तो यहां के फतेहाबाद, जींद, कैथल, सिरसा और कुरुक्षेत्र में राज्य की 69 प्रतिशत घटनाएं दर्ज हुईं। हालांकि, इस साल फतेहाबाद में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग आधी है। CAQM ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और दूसरे हितधारकों के सतत प्रयासों से इन घटनाओं में गिरावट आ रही है। बता दें कि पराली जलाने से उठने वाला धुआं पूरे इलाके की हवा को जहरीली बना देता है।
दिल्ली की हवा में फिर बढ़ने लगा प्रदूषण
राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर खराब होने लगी है, जिसे देखते हुए नई पाबंदियां लगा दी गई हैं। सोमवार शाम 4 बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 407 बना हुआ था, जिसके बाद CAQM ने दिल्ली सरकार से सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा है। इसी तरह राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों के चलने पर भी रोक लग गई है।