दिल्ली: पिछले 6 साल में इस नवंबर रहा सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण
क्या है खबर?
इस साल नंवबर में दिल्ली की हवा पिछले छह साल में सबसे अधिक खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 377 रहा जो पिछले छह सालों में सबसे अधिक है।
नवंबर में 11 दिन AQI गंभीर श्रेणी में रहा जो कि पिछले चार साल में सबसे अधिक है। 2020 में नौ, 2019 में सात और 2018 में आठ दिन हवा गंभीर श्रेणी में रही थी।
तुलना
पिछले सालों में कैसी रही स्थिति?
CPCB के अनुसार, पिछले साल नवंबर में दिल्ली का औसत AQI 327 था जो इस साल के मुकाबले थोड़ा बेहतर था।
नवंबर, 2019 में यह आंकड़ा 312 रहा, वहीं नवंबर, 2018 में औसत AQI 334 था।
2017 में नवंबर महीने का औसत AQI 360 था, वहीं 2016 में ये इससे भी अधिक 374 रहा।
2015 में नवंबर के 29 दिनों का औसत AQI 358 था। 30 नवंबर, 2015 का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
पराली
प्रदूषण में कितनी रही पराली जलाने की भूमिका?
वायु प्रदूषण में पराली की भूमिका की बात करें तो 7 नवंबर को दिल्ली के PM 2.5 में पराली जलाने का सबसे अधिक 48 प्रतिशत योगदान रहा। 12 नवंबर को ये गिरकर 35 प्रतिशत पर आ गया।
इसके बाद भी पराली के हिस्से में गिरावट जारी रही और 20 नवंबर को इसकी हिस्सेदारी मात्र पांच प्रतिशत पर आ गई। 30 नवंबर को ये आंकड़ा एक प्रतिशत रहा।
हालांकि इसके बावजूद 26-28 नवंबर के बीच तीन दिन AQI गंभीर रहा।
कारण
पराली जलाने का सीजन लेट होने के कारण खराब रही हवा- विशेषज्ञ
SAFAR के फाउंडर प्रोजेक्ट डायरेक्टर गुफरान बेग ने इन आंकड़ों पर कहा कि इस साल नवंबर में हवा की खराब गुणवत्ता के लिए पराली जलाने के सीजन का लेट होना है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर दिल्ली में अक्टूबर और नवंबर में हवा खराब रहती है, लेकिन इस बार मानसून में देरी के कारण ये नवंबर में शिफ्ट हो गई।
बता दें कि इस बार अक्टूबर में हवा 2018 के बाद सबसे साफ रही थी।
पृष्ठभूमि
दिल्ली में बेहद खराब रही थी हवा की स्थिति
बता दें कि पराली जलाने, दिवाली पर पटाखे फोड़ने, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, शहर के बाहर कोयले के प्लांट्स और खुले में आगजनी आदि कारणों से नवंबर में दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई थी और ये कई दिन बेहद गंभीर श्रेणी में बनी रही।
इस दौरान AQI 471 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। शहर में लगभग हर साल यही स्थिति रहती है और लगातार वादों के बावजूद कुछ नहीं होता है।
पाबंदियां
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने लगाई थीं पाबंदियां
वायु प्रदूूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने स्कूल बंद करने समेत कई कदम उठाए थे।
उसने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा था और निजी दफ्तरों को भी अपने कर्मचारियों को घर से काम देने की सलाह दी थी। इसके अलावा निर्माण कार्य पर भी रोक लगाई गई थी।
अब स्थिति सुधरने के बाद निर्माण कार्यों को छोड़कर बाकी सभी से पाबंदियां हटा दी गई हैं।