राज्य को अपनी गलती का फायदा उठाने की नहीं दी जा सकती अनुमति- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को 30 साल की नौकरी के बाद पेंशन दिए जाने के एक मामले में सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट की ओर से दिए गए पेंशन देने के आदेश को बरकरार रखते हुए गुजरात सरकार को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा कि किसी राज्य को उसके द्वारा की गई गलती का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में उसे अपनी गलती का खामियाजा आवश्यक रूप से भुगतना पड़ेगा।
गुजरात सरकार ने दायर की थी याचिका
NDTV के अनुसार, गुजरात सरकार के एक कमर्चारी ने 30 साल की नौकरी के बाद सेवानिवृत्त होने पर सरकार द्वारा पेंशन नहीं दिए जाने को लेकर हाई काई का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को कर्मचारी की लंबी सेवा का हवाला देते हुए उसे पेंशन का हकदार माना था और सरकार को पेंशन देने के आदेश दिए थे। गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अपनी गलती का फायदा नहीं उठा सकता है राज्य- सुप्रीम कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा, "राज्य को अपनी गलती का फायदा उठाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।" पीठ ने कहा, "30 साल तक किसी कर्मचारी से लगातार सेवाएं लेना और उसके बाद यह तर्क देना कि इतनी लंबी सेवा के बाद भी वह पेंशन का पात्र नहीं है, यह पूरी तरह से अनुचित होने के अलावा और कुछ नहीं हो सकता है।"
कल्याणकारी राज्य के लिए ऐसा रुख ठीक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "एक कल्याणकारी राज्य के रूप में गुजरात सरकार का कर्मचारियों के प्रति ऐसा रुख नहीं होना चाहिए। यह पूरी तरह से गलत है।" कोर्ट ने आगे कहा, "गुजरात हाई कोर्ट ने मामले में प्रतिवादी को पेंशन लाभ का भुगतान करने के लिए राज्य को निर्देश देने में कोई गलती नहीं की है। वह कर्मचारी 30 साल से अधिक सरकार को सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुआ है और पेंशन प्राप्त करना उसके अधिकार का मामला है।"