गुजरात: विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के पीछे क्या है कारण?
क्या है खबर?
गुजरात की राजनीति में शनिवार को बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। विजय रुपाणी ने दोपहर में अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया।
उन्होंने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस फैसले की इस्तीफा देने से पहले किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी।
ऐसे में यहां जानते हैं कि आखिर रुपाणी ने विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों दिया।
पृष्ठभूमि
भाजपा ने इस साल बदला चौथा मुख्यमंत्री
रुपाणी के इस्तीफे के साथ ही वह इस साल भाजपा द्वारा बदले जाने वाले चौथे मुख्यमंत्री बन गए। इससे पहले उत्तराखंड और कर्नाटक में भी मुख्यमंत्री बदले गए हैं।
उत्तराखंड में पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बनाया था। बाद में उन्हें भी हटा दिया गया और जुलाई में पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई थी।
इसी तरह जुलाई में कर्नाटक में भाजपा ने येदियुरप्पा को हटाकर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया था।
कारण
रुपाणी के इस्तीफा देने के पीछे क्या है कारण?
सूत्रों की माने तो रुपाणी के इस्तीफे के पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी बढ़ती उम्र और राज्य में कम होता प्रभाव माना जा रहा है। रुपाणी ने पिछले महीने ही अपना 65वां जन्मदिन मनाया था और राज्य में उनका मौन विरोध चल रहा था।
भाजपा प्रबंधन को यह अहसास हो गया था कि उनके नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ना बड़ा खतरा हो सकता है। संभवत: राज्य में उनकी कमजोर होती छवि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
समीक्षा
दिग्गज नेताओं ने राज्य में की थी पार्टी की स्थिति की समीक्षा
न्यूज 18 के अनुसार, भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव और पार्टी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने गुजरात में पिछले कुछ महीनों में पार्टी की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की थी।
इसमें सामने आया था कि रुपाणी को भी एक बड़े मतदाता आधार वाले नेता के रूप में नहीं देखा जा रहा और पार्टी ने अगले चुनाव में पाटीदार वोट बैंक को बड़े कारक के रूप में देखा है। इसके चलते उन्हें हटाने का फैसला किया।
अन्य कारण
रुपाणी की कोरोना के खिलाफ रणनीति पर भी उठे थे सवाल
कोरोना महामारी से लड़ाई में गुजरात सरकार की रणनीति पर बड़े सवाल उठे थे। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार को जमकर घेरा था। इसी तरह राज्य के लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ था।
भाजपा ने राज्य में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए सीआर पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें प्रधान मंत्री के बेहद करीबी माना जाता है और कहा जा रहा है कि उनके इशारे पर यह कदम उठाया गया है।
तैयारी
गुजरात में नए नेता के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी भाजपा
बता दें कि गुजरात में पिछले चुनावों में भाजपा ने दमदार प्रदर्शन किया था, लेकिन इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार अभियान का अहम योगदान रहा है।
इसी बीच भाजपा ने रुपाणी की कमजोर होती छवि को देखते हुए चुनाव से 15 महीने पहले नया नेता लाने की तैयारी कर ली है।
माना जा रहा है कि भाजपा नए मुख्यमंत्री के साथ बचे हुए 15 महीनों में लोगों में पार्टी के प्रति सोच को मजबूत करना चाहती है।
जानकारी
आनंदी बेन पटेल ने भी 15 महीने पहले ही दिया था इस्तीफा
यह संयोग ही है कि साल 2017 में गुजरात में विधानसभा चुनाव से ठीक 15 महीने पहले ही आनंदी बेन पटेल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उस दौरान भाजपा ने मजबूती पाने के लिए उनकी जगह रुपाणी को राज्य की कमान सौंपी थी।
बयान
नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़नी चाहिए गुजरात की विकास यात्रा- रुपाणी
रुपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद इसका कारण पूछे जाने पर कहा कि गुजरात की विकास यात्रा नई ऊर्जा और नए उत्सव के साथ आगे बढ़नी चाहिए। इसको देखते हुए उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें पांच साल के लिए मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी, जो उनके लिए बहुत बड़ी बात है। अब पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, वह उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ते हुए निर्वहन करेंगे।
जिम्मेदारी
भाजपा में समय-समय पर बदलती रहती है कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी- रुपाणी
रुपाणी ने कहा कि भाजपा में एक परंपरा रही है कि इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां समय-समय पर बदलती रहती हैं। अब वह नई जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि वह मुंख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत आभारी हैं और उनका आभार प्रकट करते हैं। अब गुजरात के विकास यात्रा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक नए उत्साह व नई उर्जा के साथ नए नेतृत्व में आगे बढ़नी चाहिए।
दावेदार
गुजरात में कौन है अगले मुख्यमंत्री पद का दावेदार?
रुपाणी के इस्तीफे के साथ ही अब बड़ा सवाल है कि नया मुख्यमंत्री कौन होगा? सूत्रों की माने तो इस पद की रेस में अब भाजपा के कई दिग्गज नेता रेस में चल रहे हैं। इन्हीं में एक सबसे बड़ा नाम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का भी है।
इसी तरह केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, सीआर पाटिल और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का नाम भी शामिल है। अब देखना यह है कि पार्टी किसके सिर सेहरा बांधती है।