SFJ ने किया प्रधानमंत्री का काफिला रोकने का दावा, सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को दी धमकी
पंजाब के हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में नया मोड़ आ गया है। लंदन स्थित 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ने सोमवार को ऑटोमेटेड फोन कॉल के जरिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को जान से मारने की धमकी दी है। इतना ही नहीं SFJ ने यह भी दावा किया है कि 5 जनवरी को हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर उसी ने अवरोध पैदा किया था और उसकी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला वहां फंस गया था।
SFJ ने क्या दी है वकीलों को धमकी?
टाइम्स नाऊ डिजिटल के अनुसार, SFJ ने लंदन से ऑटोमेटेड फोन कॉल के जरिए सुप्रीम कोर्ट के 40-50 वकीलों को जान से मारने की धमकी दी है। कॉल में SFJ ने कहा है कि वकीलों को किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी की मदद नहीं करनी चाहिए। वहीं सुरक्षा में चूक मामले में भी केस नहीं लड़ना चाहिए। इन फॉन कॉल्स के बाद सभी वकीलों में भय व्याप्त हो गया है।
वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव से की शिकायत
SFJ का धमकी भरा कॉल प्राप्त करने वाले वकील राहुल कौशिक ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव से इसकी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि लंदन के नंबरों से करीब 45-50 वकीलों को धमकी भरे कॉल मिले हैं। इसमें उन पर प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में केस नहीं लड़ने की बात कही गई है। SFJ ने कहा 1984 सिख दंगों और नरसंहार में अब तक किसी भी दोषी को सजा नहीं मिली है। लिहाजा इस मामले की सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
आखिर क्या है 'सिख फॉर जस्टिस'?
बता दें कि 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) साल 2007 में बनाया गया एक अलगाववादी संगठन है। केंद्र सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर रखा है। यह संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है और पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग करता है। इस संगठन के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से भी तार जुड़े हुए हैं। इस संगठन का मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है। SFJ एक अलगाववादी एजेंडे के तहत काम करता है।
क्या है प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला?
5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के भठिंडा से हुसैनीवाला जा रहे थे। उन्हें यह सफर हेलिकॉप्टर से तय करना था, लेकिन खराब मौसम के चलते ऐसा नहीं हो सका। इसक बाद उनका काफिला सड़क मार्ग से आगे बढ़ गया। हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर पहले प्रदर्शनकारियों ने सड़क को बंद कर रखा था। ऐसे में प्रधानमंत्री को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर खड़े रहना पड़ा था जो प्रधानमंत्री के होने वाले खतरे को देखते हुए बड़ी बात है।
मामले पर केंद्र और पंजाब सरकार आमने-सामने
मामले पर केंद्र और पंजाब सरकार आमने-सामने हैं। केंद्र ने सुरक्षा में इस चूक के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और राज्य से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा राज्य सरकार से मामले में जिम्मेदारी तय कर दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा गया है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री के वापस लौटने का खेद है, लेकिन उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए नियुक्त किया पैनल
इधर, प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय पैनल गठित किया है। इसकी अध्यक्षता एक रिटायर सुप्रीम कोर्ट जज करेंगे। कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस के महानिदेशक (DGP), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) को इस पैनल में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।