उत्तर प्रदेश: वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इसे प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी के कई अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की संभावना है। उद्घाटन समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेता और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
"जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है"
प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के शिलापट का अनावरण करके इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "मैं काशी के कोतवाल के चरणों में अभिवादन करता हूं। मैं उनसे आशीर्वाद लेकर आया हूं।" उन्होंने कहा, "जब मैं बनारस आया था, तो मुझे अपने से ज्यादा बनारस के लोगों पर भरोसा था। यह बाबा काशीनाथ की नगरी है और यहां एक ही सरकार है। जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है।"
कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पहले जो मंदिर 3,000 हजार वर्ग फीट में था, वो अब पांच लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50,000-75,000 श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम।" उन्होंने कहा, "विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर केवल भवन न होकर भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिक, प्राचीनता, परंपरा और देश की ऊर्जा तथा गतिशीलता का प्रतीक है।"
प्रधानमंत्री ने प्रोजेक्ट में काम करने वालों का आभार जताया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का और उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।" उन्होंने कहा, "हमारे कारीगर, इंजीनियर, प्रशासन और यहां काम करने वाले सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं।"
यहां देखें प्रधानमंत्री मोदी का उद्बोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पण से पहले भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की
सुबह करीब 10:30 बजे वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। इसके बाद वह सबसे पहले काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की। हालांकि, प्रधानमंत्री को वहां दोपहर 12 बजे जाना था, लेकिन उनके कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। माना जाता है कि काशी के कोतवाल की इजाजत लेकर कोई भी शुभ काम करना चाहिए। इससे काम में बाधा नहीं आती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक
प्रधानमंत्री मोदी काल भैरव मंदिर से गंगा मार्ग होते हुए बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने गंगा स्नान के बाद घाट से जल भरकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का लोकार्पण किया। पूरे वाराणसी को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
यहां देखें प्रधानमंत्री मोदी के गंगा स्नान का वीडियो
क्या है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर?
बता दें कि साल 1669 में अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कराया था। उसके 352 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पुनरुद्धार के लिए 8 मार्च, 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। करीब दो साल और आठ महीने में इसका 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इस पूरे कॉरिडोर के निर्माण में 340 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं। इसमें 2,600 मजदूर और 300 इंजीनियर लगातार तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं।
तीन भागों में बांटा गया है कॉरिडोर
इस कॉरिडोर को दो भागों में बांटा गया है। मुख्य परिसर में लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। कॉरिडोर में चार बड़े-बड़े गेट है जिसके चारो तरफ प्रदक्षिणा पथ बना है। इस पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं। इनमें आदि शंकराचार्य की स्तुतियां, अन्नपूर्णा स्त्रोत, काशी विश्वानाथ की स्तुतियां और भगवान शंकर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों का उल्लेख किया गया है। इसके प्रवेश द्वार की संरचनाओं में पारंपरिक शिल्प कौशल का इस्तेमाल किया गया है।
घर-घर वितरित किया जाएगा 16 लाख लड्डुओं का प्रसाद
लोकार्पण के इस कार्यक्रम में पूरे देश से तीन हज़ार से अधिक विशिष्ट मेहमानों ने शिरकत की है। इसमें भाजपा शासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्रियों के अलावा, सांसदों और विधायकों को बुलाया गया है। उन्हें साधु-संतों की अगवानी की ज़िम्मेदारी दी गई है। इसी तरह 'भव्य काशी, दिव्य काशी' नाम से एक महीने का उत्सव भी मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत पूरे बनारस में प्रसाद वितरित करने के लिए 16 लाख लड्डुओं का प्रसाद बनाया गया है।