
कोरोना वैक्सीन: 7-11 उम्रवर्ग पर कोवावैक्स का ट्रायल करेगी सीरम इंस्टीट्यूट, मंजूरी मिली
क्या है खबर?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को सात से 11 साल तक के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन कोवावैक्स का ट्रायल करने की मंजूरी मिल गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार को इस संबंध में कंपनी को हरी झंडी दिखाई।
कोवावैक्स को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने तैयार किया है और सीरम इंस्टीट्यूट इसकी 200 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी। इनमें से 100 करोड़ खुराकें भारत और कम आय वाले देशों के लिए होंगी।
जानकारी
12-17 उम्रवर्ग पर चल रहा है ट्रायल
फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट 12-17 उम्रवर्ग पर इस वैक्सीन के ट्रायल कर रही है और शुरुआती 100 वॉलेंटियर से जुड़े आंकड़े भी सामने आ चुके हैं।
अगस्त में कंपनी ने 'कोवावैक्स' के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल की शुरुआत में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोवावैक्स भारत में उपलब्ध हो जाएगी।
भारत के साथ-साथ कंपनी ने इंडोनेशिया और फिलीपींस में भी आवेदन किया था।
जानकारी
WHO से मांगी मंजूरी
पिछले सप्ताह नोवावैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवावैक्स को आपातकालीन मंजूरी देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को आवेदन दिया था। वैक्सीन के निर्यात के लिए वैक्सीन को WHO की हरी झंडी मिलना जरूरी है।
व्यस्कों पर ट्रायल
ट्रायल में 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है कोवावैक्स
कोवावैक्स वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में कोरोना संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पाया गया था।
सब-प्रोटीन पर आधारित दो खुराक वाली इस वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको की 119 जगहों पर लगभग 30,000 लोगों पर परखा गया था।
कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन मध्यम और गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत और कुल मिलाकर 90.4 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
खासियत
ये हैं कोवावैक्स की खास बातें
कंपनी का कहना है कि कोवावैक्स की खुराक लगने के बाद अगर व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देगी। इससे वायरस कोशिकाओं में नहीं जा पाएगा और व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा।
साथ ही कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन को रखने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत नहीं होगी, जिससे सुदूर इलाकों में इसे पहुंचाना आसान हो जाएगा और स्टोरेज को लेकर भी चुनौतियां कम होंगी।
जानकारी
बच्चों के लिए देश में अभी एक वैक्सीन
पिछले महीने गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस-कैडिला की तीन खुराक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को भारत में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी थी। 18 साल से कम उम्र के किशोरों के लिए मंजूरी पाने वाली यह भारत की पहली वैक्सीन है।
इसके अलावा कोवैक्सिन के बच्चों पर ट्रायल समाप्त हो गए हैं और जल्द ही इसे इस्तेमाल की अनुमति दी जा सकती है।
जानकारी
देश में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 87,66,63,490 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते दिन 54,13,332 खुराकें लगाई गईं। धीरे-धीरे वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार पकड़ रहा है।