भारत में कोविशील्ड से खून के थक्के जमने का कोई मामला नहीं, अगले हफ्ते होगी समीक्षा
कई देशों ने लोगों में खून के थक्के जमने की शिकायतों के बाद ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। भारत में भी इस वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। भारत में इसे कोविशील्ड के नाम से जाना जा रहा है और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसका उत्पादन कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि भारत में अभी तक इससे खून के थक्के जमने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
क्या है मामला?
बीते दिनों ऑस्ट्रिया में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद एक 49 वर्षीय नर्स के शरीर में खून के थक्के जम गए थे। इससे उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद ऑस्ट्रिया सरकार ने इसके उपयोग पर रोक लगा दी थी। कई अन्य यूरोपीय देशों में भी ऐसी शिकायतें सामने आई थीं, जिनके चलते एस्टोनिया, लताविया, लिथुआनिया और लक्जमबर्ग आदि यूरोपीय देशों में इसके इस्तेमाल पर रोक लग गई है। वहीं कई देशों ने इसकी आपूर्ति बंद कर दी है।
अगले हफ्ते होगी गहन समीक्षा- अरोड़ा
HT के अनुसार, कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ एनके अरोड़ा ने बताया कि भारत में कोविशील्ड से किसी व्यक्ति में खून के थक्के जमने का मामला सामने नहीं आया है। वैक्सीन लगाने के बाद के प्रभावों के आंकलन के लिए अगले हफ्ते गहन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन ऐहतियात के तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं। विदेशों की घटनाओं को देखते हुए आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय उपलब्ध कराएगा आंकड़े- अरोड़ा
अरोड़ा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय समीक्षा के लिए देशभर से वैक्सीनेशन के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों का आंकड़ें उपलब्ध कराएगा। इससे पहले शुक्रवार को मंत्रालय ने राज्य स्तर पर बनी समितियों के साथ बैठक कर इस तरह के आंकड़े जुटाने को कहा था।
सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा होगी- अरोड़ा
अरोड़ा ने कहा, "वैक्सीनेशन के बाद दो तरह के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। पहला हल्के और दूसरा ऐसे प्रभाव, जिनकी वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़े या मौत हो जाए। हमारे लिए दूसरा चिंता का विषय है और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे देश में यह नहीं हो रहा है। यह एक पूरी तरह से स्वतंत्र समीक्षा होगी, जिसमें इस क्षेत्र के शीर्ष विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसमें सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा होगी।"
समीक्षा में क्या देखा जाएगा?
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था, "कोरोना टास्क फोर्स को इस मामले को देखने के लिए कहा गया है और हम इसके लिए आंकड़े उपलब्ध कराएंगे। अभी तक देश में वैक्सीन से खून के थक्के जमने का कोई मामला सामने नहीं आया है। हम यह पता लगा रहे हैं कि क्या देशभर में किसी भी व्यक्ति में वैक्सीन लगाने के बाद इस तरह का कोई दूसरा लक्षण देखा गया है या नहीं।"
कंपनी और WHO ने किया वैक्सीन का बचाव
दूसरी तरफ एस्ट्राजेनेका और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वैक्सीन का बचाव किया है। संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीने के उपयोग पर रोक लगाने का कोई कारण नहीं था। वैक्सीन के उपयोग के कारण किसी की मौत होने के अभी तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों वैक्सीन का उपयोग जारी रखना चाहिए। इसी तरह यूरोपियन मेडिकल एजेंसी ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को सुरक्षित बताया है।