खुराकों की गुणवत्ता अच्छी न होने के कारण हुई कोवैक्सिन की कमी- सरकारी पैनल प्रमुख
क्या है खबर?
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के केंद्र सरकार के प्रयासों में 'कोवैक्सिन' वैक्सीन की कमी एक बड़ी रुकावट बनकर उभरी है। भारत बायोटेक कोवैक्सिन की उतनी खुराकें प्रदान नहीं कर पा रही है, जितनी की उम्मीद की जा रही थी।
अब कोविड वैक्सीन टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा ने बेंगलुरू में बनाए गए कंपनी के नए प्लांट से आई वैक्सीनों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने को इसका कारण बताया है।
इंटरव्यू
गुणवत्ता में सही नहीं थी पहली दो खेप- डॉ अरोड़ा
NDTV को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में डॉ अरोड़ा ने कहा, "बेंगलुरू प्लांट विश्व स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माण प्लांट में से एक था। लेकिन शुरुआती कुछ खेप गुणवत्ता पर खरी नहीं उतरी। ये खेप सही गुणवत्ता की नहीं थी। लेकिन अब तीसरा और चौथा बैच आ गया है। हमें उम्मीद है कि अगले चार या छह सप्ताह में भारत बायोटेक से वैक्सीन का उत्पादन वास्तव में बढ़ जाएगा।"
उम्मीद
डॉ अरोड़ा बोले- भारत बायोटेक से 10-12 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद
डॉ अरोड़ा ने आगे कहा, "वैक्सीन निर्माण लगभग रॉकेट साइंस की तरह है। हम कोवैक्सिन के उत्पादन में बहुत तेज वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने बेंगलुरु में एक नया प्लांट शुरू भी किया है। इसके अलावा तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी कुल उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हमें भारत बायोटेक से (महीने में) 10-12 करोड़ खुराक की उम्मीद है।"
उन्होंने बताया कि बेंगलुरू के प्लांट से अब सही खेप आ रही हैं।
जरूरत
भारत को हर महीने चाहिए लगभग 30 करोड़ खुराकें
बता दें कि दिसंबर तक सभी वयस्कों को वैक्सीन लगाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत को हर महीने कम से कम 30 करोड़ खुराकें चाहिए ताकि रोजाना लगभग 1 करोड़ खुराकें लग सकें।
इसके लिए भारत बायोटेक को अपना उत्पादन बढ़ाकर दो करोड़ प्रति महीने से 10 करोड़ प्रति महीने करना पड़ेगा।
क्या कंपनी ऐसा कर सकती है, इस सवाल के जवाब में डॉ अरोड़ा ने कहा, "आने वाले हफ्तों में वह उत्पादन कई गुना बढ़ाएंगे।"
तीसरी लहर
तीसरे लहर को रोकने के लिए तेज वैक्सीनेशन अहम
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए भी तेज वैक्सीनेशन करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
विशेषज्ञों ने इसी महीने तीसरी लहर आने और अक्टूबर में इसके पीक करने की भविष्यवाणी की है। हालांकि इसके दूसरी लहर से कम भीषण होने का अनुमान लगाया गया है।
फिर भी सरकार को इन महीनों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगानी होगी, ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सके।
वैक्सीनेशन अभियान
देश में अब तक लग चुकी हैं 47,85,44,114 खुराकें
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भारत में अधिक तेजी से वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है और रोजाना 50-60 लाख के आसपास खुराकें ही लगाई जा रही हैं।
देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की कुल 47,85,44,114 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 37,26,26,926 लोगों को कम से कम एक खुराक, वहीं 10,59,17,188 लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
अभी देश में कोवैक्सिन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है।