अक्टूबर-नवंबर में बढ़ सकता है महामारी का खतरा, सतर्क रहने की जरूरत- सरकार
कोरोना की तीसरी लहर का जिक्र किए बिना केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अक्टूबर और नवंबर के दौरान देश में महामारी का खतरा बढ़ सकता है। कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि अगले दो-तीन महीने अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और कहीं भी ऐसी छूट नहीं दी जा सकती, जिससे मामलों में इजाफा हो। कई अनुमानों के तहत इसी समय देश में महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है।
अक्टूबर-नवंबर में पर्याप्त सावधानी की जरूरत- पॉल
जब डॉ पॉल से महामारी के खतरे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवंबर महत्वपूर्ण महीने रहने वाले हैं और इस दौरान खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि इन महीनों में त्योहार आएंगे और बुखार भी फैलता है। इसलिए पर्याप्त सावधानी रखने की जरूरत है। अगर कहीं भी मामलों में जरा भी इजाफा होता है तो उस पर तुरंत नियंत्रण पाना होगा। उन्होंने त्योहारों के दौरान बड़े आयोजनों से बचने को भी कहा है।
मिजोरम में महामारी के कारण हालात चिंताजनक- पॉल
डॉ पॉल ने कहा, "कुल मिलाकर स्थिति स्थिर बनी हुई है और केरल में भी मामले कम हो रहे हैं। मिजोरम में चिंताजनक ट्रेंड देखा जा रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि तेज वैक्सीनेशन और प्रभावी कदमों से स्थिति काबू में आ जाएगी।" सरकार ने बताया कि भले ही केरल में मामले कम हो रहे हैं, लेकिन देश के दैनिक मामलों में राज्य की हिस्सेदारी अभी भी दो तिहाई से अधिक बनी हुई है।
पांच राज्यों में 10,000 से अधिक सक्रिय मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केरल में 1.99 लाख सक्रिय मामले हैं, जबकि मिजोरम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां सक्रिय मामलों की संख्या 10,000 से अधिक बनी हुई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के निदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि केरल में मामले कम हो रहे हैं और दूसरे राज्यों में भी हालात बेहतर होते नजर आ रहे हैं। उन्होंने त्योहारी सीजन में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
20 प्रतिशत व्यस्क आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड
वैक्सीनेशन के ताजा आंकड़े देते हुए सरकार ने बताया कि अब तक देश की 20 प्रतिशत व्यस्क आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट किया जा चुका है, जबकि करीब 62 प्रतिशत आबादी को एक खुराक लगाई जा चुकी है। कोविन प्लेटफॉर्म के अनुसार, देश में अब तक 77,10,07,635 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 58,26,11,063 लोगों को पहली और 18,83,96,572 लोगों को दोनों खुराकें दी जा चुकी है। सरकार ने दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है।