कलकत्ता हाई कोर्ट का बंगाल सरकार को निर्देश- हनुमान जयंती पर केंद्रीय सुरक्षाबलों की मदद लें
क्या है खबर?
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती के मौके पर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को इसके लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मदद लेने के लिए भी कहा है, जिससे लोगों के बीच में विश्वास पैदा हो सके।
हाई कोर्ट ने यह निर्देश हाल ही में राम नवमी के मौके पर कई शहरों में हुई हिंसा के बाद दिया है।
निर्देश
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनाम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को उन क्षेत्रों में मार्च करने का निर्देश दिया, जहां पर हनुमान जयंती समारोह आयोजित किया जाएगा।
कोर्ट ने आगे कहा कि राम नवमी के दौरान और उसके बाद सांप्रदायिक हिंसा के बाद जिन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की गई है, वहां पर किसी भी तरह की शोभायात्रा या जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी।
निर्देश
खुफिया नेटवर्क को मजबूत करे राज्य पुलिस- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने आगे कहा, "पुलिस को शांति भंग होने की आशंका होने पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी। रोकथाम इलाज से बेहतर है। राज्य पुलिस को अर्धसैनिक बलों की सहायता लेने का निर्देश दिया जाता है।"
हाई कोर्ट ने हावड़ा के शिवपुर में छतों से हुए पथराव का जिक्र करते हुए कहा, "अगर खुफिया जानकारी होती तो इस तरह के पूर्व नियोजित हमलों को रोका जा सकता था और पुलिस को अपने खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना होगा।"
रिपोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार से मांगी थी रिपोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शनिवार को बंगाल सरकार से राम नवमी पर हावड़ा में हुई हिंसा को लेकर बुधवार तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को हिंसा की CCTV फुटेज और वीडियो के साथ-साथ गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची जमा करने का निर्देश भी दिया था।
बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से करवाने की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
आशंका
मुख्यमंत्री ममता ने भी हनुमान जयंती को लेकर जाहिर की थी चिंता
दो दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 6 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हिंसा होने की आशंका जताते हुए चिंता जाहिर की थी।
ममता ने कहा था कि वह बजरंगबली का सम्मान करती हैं, लेकिन उपद्रवियों के पास दंगों की योजना हो सकती है।
ममता ने हुगली में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा था कि कुछ लोग जानबूझकर अनुमति के बिना शोभायात्रा निकाल रहे थे और अल्पसंख्यक क्षेत्रों में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
हिंसा
हावड़ा और हुगली में हुई थी सबसे ज्यादा हिंसा
राम नवमी के मौके पर हावड़ा में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 2 समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और उपद्रवियों ने आगजनी की घटनाओं को भी अंजाम दिया था।
इसके बाद हुगली जिले में रविवार शाम को एक शोभायात्रा के दौरान फिर से हिंसा भड़क गई थी, जिसमें पत्थरबाजी के दौरान भाजपा के विधायक बिमन घोष समेत कई लोग घायल हुए थे।