कोरोना वायरस: झूठे हैं सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे ये दावे
क्या है खबर?
कोरोना वायरस से लड़ाई के इस दौर में इसे लेकर कई तरह की अफवाहें भी फैल रही हैं और इसके उपचार और संक्रमण को लेकर तमाम फेक दावे किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वाली प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने ऐसी अफवाहों और फेक दावों के खिलाफ एक मुहिम चलाई है और लगातार इनका भंडाफोड़ किया जा रहा है।
आइए आपको ऐसी ही कुछ अफवाहों और उनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में बताते हैं।
#1
प्रधानमंत्री मोदी के आपातकाल घोषित करने को लेकर झूठा दावा
सबसे ताजा अफवाह जिसका PIB ने भंडाफोड़ किया है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपातकाल की घोषणा करने को लेकर है।
दरअसल, आज रात आठ बजे प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित करने जा रहे हैं और इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए आर्थिक आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
लेकिन PIB ने इस दावे को फेक और दुर्भावनापूर्ण बताया है।
#2
क्या पत्ता गोभी खाने वालों में ज्यादा ठहरता है कोरोना वायरस?
सोशल मीडिया पर एक ऐसा मैसेज भी वायरल हो रहा है जिसमें कोरोना वायरस से बचने के लिए पत्ता गोभी न खाने को कहा गया है।
इस मैसेज में लिखा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट में पत्ता गोभी खाने वालों में कोरोना वायरस सबसे अधिक ठहरने की बात कही गई है।
हालांकि WHO ने ऐसी कोई रिपोर्ट जारी नहीं की है और PIB ने इस दावे को झूठा बताया है।
#3
NASA का नाम लेकर फैलाया जा रहा झूठ
इसके अलावा व्हाट्सऐप पर एक ऐसा मैसेज भी शेयर किया जा रहा है जिसमें NASA के हवाले से झूठा दावा किया जा रहा है।
इस मैसेज में दावा किया गया है कि जनता कर्फ्यू के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा करने के लिए बजाई गई तालियों, थालियों और घंटों की ध्वनियों को NASA के वेव डिटेक्टर ने इन ध्वनियों को पकड़ा और इस दौरान कोरोना वायरस भारत में कमजोर होता हुआ नजर आया।
हालांकि ये दावा गलत है।
जानकारी
PIB ने की लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील
अन्य मैसेज में भी जनता कर्फ्यू के दौरान पैदा हुई ध्वनि से भारत में कोरोना वायरस का खतरा कम होने का दावा किया जा रहा है। PIB ने इन सभी दावों को गलत बताते हुए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की है।
#4 और #5
उपचार और लक्षणों को लेकर ये अफवाहें भी जोरों पर
सोशल मीडिया और लोगों की आम बातचीत में गर्म पानी में नमक और सिरका मिलाकर गरारे करने से कोरोना वायरस ठीक होने की बात भी कही जा रही है।
इसके अलावा ये मैसेज भी शेयर किया जा रहा है कि अगर आप बिना किसी परेशानी के 10 सेकंड तक सांस रोक सकते हैं तो आपको कोरोना वायरस नहीं है।
ये दोनों ही दावे गलत है और कोरोना के जवान मरीज भी 10 सेकंड तक सांस रोक सकते हैं।
#6
12वीं की जंतु विज्ञान की किताब में COVID-19 का इलाज दर्ज होने का दावा भी गलत
इसके अलावा एक व्हाट्सऐप मैसेज में 12वीं की जंतु विज्ञान की किताब में COVID-19 और इसके इलाज की जानकारी होने का दावा भी किया जा रहा है। इसमें डॉ रमेश गुप्ता द्वारा लिखित इस किताब के पेज नंबर 1,072 पर COVID-19 का इलाज दर्ज होने की बात कही गई है।
हालांकि ये दावा गलत है और किताब में वायरसों के एक परिवार कोरोना वायरस के बारे में लिखा है, COVID-19 के बारे में नहीं।
जानकारी
क्या पैरासिटामोल से ठीक हो जाता है कोरोना वायरस?
सोशल मीडिया पर वायरल तमाम मैसेज में पैरासिटामोल से कोरोना वायरस ठीक होने का दावा भी किया जा रहा है। हालांकि ये दावा भी गलत है और अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं मिला है।
#8
WHO के आदेश पर भारत में लॉकडाउन की फेक ऑडियो क्लिप वायरस
इसके अलावा व्हाट्सऐप पर दोनों लोगों की बातचीत का एक ऑ़डियो भी वायरल हो रहा है जिसमें उन्हें कोरोना वायरस के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है। इसमें वे WHO के आदेश पर भारत में पूर्ण लॉकडाउन की बात कह रहे हैं।
ये ऑडियो भारत में लॉकडाउन की घोषणा से पहले से वायरस हो रही है और WHO ने भारत को ऐसा करने को नहीं कहा था। PIB ने इसमें किए गए दावों को गलत बताया है।
जानकारी
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