
व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहा है मुफ्त में एडिडास के जूते वाला मैसेज, जानें इसकी सच्चाई
क्या है खबर?
पिछले साल एडिडास से संबंधित एक स्कैम ऑनलाइन सामने आया था, जिसमें कंपनी द्वारा अपनी 93वीं वर्षगाँठ की ख़ुशी में 3,000 जोड़ी जूते मुफ़्त में देने का दावा किया गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अब एक ऐसा ही स्कैम दोबारा सामने आया है, जिसमें व्हाट्सऐप पर फ़र्जी URL के साथ उपयोगकर्ताओं को 'फ़्री एडिडास शूज' के मैसेज मिल रहे हैं।
आइए जानें आख़िर क्या है इसकी सच्चाई।
मैसेज
ऐसा है धोखाधड़ी करने वाला फ़र्जी मैसेज
व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे फ़र्जी मैसेज में लिखा है, 'एडिडास अपनी 70वीं वर्षगाँठ का जश्न मनाने के लिए मुफ़्त 700 जोड़ी जूते और 7,000 टी-शर्ट दे रही है।'
अधिक विवरण की जानकारी के लिए मैसेज के साथ एक लिंक भी है। URL पर क्लिक करते ही आप "anniversaries.win" नामक फ़र्जी वेबसाइट पर पहुँच जाते हैं, जिसमें आपसे व्यक्तिगत जानकारी माँगी जाएगी।
बता दें कि यह वेबसाइट फ़र्जी है, क्योंकि यह एडिडास का आधिकारिक लिंक नहीं है।
जानकारी
मैसेज को 15 लोगों से शेयर करने के लिए कहा गया है
जब आप सारी जानकारी भर देते हैं, तो आपको 15 अन्य लोगों को मैसेज भेजने के लिए कहा जाता है। इससे स्पष्ट है कि यह इस फ़र्जी अभियान को बढ़ावा देने की एक चाल है। वेबसाइट आपसे जूते की साइज़ की जानकारी भी माँगती है।
मक़सद
क्या है इस स्कैम का मकसद?
इस घोटाले का मक़सद 'क्लिक फ़्रॉड' है। कई स्कैमर इस तरह क्लिकबेट योजना के माध्यम से व्हाट्सऐप के विशाल उपभोक्ताओं को टार्गेट करते हैं, ताकि विज्ञापनों पर ज़्यादा से ज़्यादा क्लिक प्राप्त हो सके। इससे उन्हें काफ़ी पैसा मिलता है।
URL पर क्लिक करने से कोई फ़र्जी सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल नहीं होता है, लेकिन स्कैमर लिंक के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं।
ऐसे में अगर आपको भी इस तरह का कोई मैसेज मिला है, तो उसे तुरंत डिलीट कर दें।
सुरक्षा उपाय
सुरक्षित रहने के लिए अपनाएँ ये उपाय
फ़र्जी वेबसाइट की जाँच करने के लिए http और https प्रिफ़िक्सेस को ज़रूर देखें।
किसी भी व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक भुगतान की जानकारी नहीं देनी चाहिए। ऐसा करने पर आपके बैंक अकाउंट से पैसे भी कट सकते हैं।
इसके अलावा कॉपीराइट की जानकारी, कंपनी का विवरण, वर्तनी की गलतियाँ, टूटे लिंक और डोमेन आदि से भी फ़र्जी वेबसाइट का पता लगा सकते हैं।
वहीं, फ़र्जी कॉल की पहचान करने के लिए ट्रूकॉलर का इस्तेमाल करें।