दिल्ली में स्थिर हुए कोरोना के मामले, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए पाबंदियां हटाने के संकेत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिसंबर के अंतिम सप्ताह से बढ़ी कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार अब धीरे-धीरे स्थिर होने लगी है। यहां प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों की संख्या 20,000 के आस-पास बनी हुई हैं। इसी बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में मामलों के स्थिर होने के बाद जल्द ही संक्रमण की रफ्तार और कम होने की संभावना है। मामले कम होने पर पांबदियों को हटाने पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली में क्या है संक्रमण की हालत?
बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को संक्रमण के संक्रमण के 21,259 नए मामले सामने आए और 23 मरीजों की मौत हुई है। इसी के साथ यहां की टेस्ट पाजिटिविटी रेट बढ़कर 25.65 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यहां रविवार को संक्रमण के 22,751 मामले सामने आए थे और 17 मरीजों की मौत हुई थी। उसके बाद सोमवार को संक्रमण के 19,166 मामले सामने आए थे। ऐसे में यहां अब संक्रमण की रफ्तार स्थिर होती दिख रही है।
...तो हटा दी जाएगी पाबंदियां- जैन
NDTV के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामले स्थिर हो गए हैं। यदि आने वाले दो से तीन दिनों में कोरोना के केस कम होते हैं तो लगाई गई पाबंदियां हटा दी जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि शहर में बुधवार को लगभग 25,000 मामले होने की संभावना है। हालांकि, टेस्ट पॉजिटिविटी रेट से यह निर्धारित नहीं किया जा सकता कि यहां संक्रमण के मामले चरम पर पहुंचे हैं या नहीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने मुंबई से की तुलना
स्वास्थ्य मंत्री जैन ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर स्थिर है और मामले कम हुए हैं। अस्पतालों में कई बेड खाली हैं। मुंबई में भी संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है और यहां भी यही स्थिति होने की संभावना है।
साल के पहले 11 दिनों में हुई 93 लोगों की मौतें
दिल्ली में मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। यहां 1 से 11 जनवरी तक 93 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पिछले पांच महीनों में 54 लोगों की मौत हुई थी। इसमें अगस्त में 29, सितंबर में पांच, अक्टूबर में चार, नवंबर में सात और दिसंबर में नौ लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली में इस साल हुई मौतों में से 90 प्रतिशत वैक्सीन की न लगवाने वाले या अन्य बीमारियों से जूझने वालों की हुई है।
दिल्ली में मंगलवार को ही बढ़ाई गई थी पाबंदियां
बता दें कि दिल्ली में पहले से ही नाइट कर्फ्यू, वीकेंड कर्फ्यू के साथ निजी और सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता से काम करने सहित कई तरह की पाबंदियां लागू थी, लेकिन बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने मंगलवार से पाबंदियों को और बढ़ा दिया है। इसके तहत आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्यालयों को छोड़कर सभी निजी कार्यालयों के कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश दिए गए हैं।
रेस्टोरेंट में बैठाकर खाना खिलाने पर लगाई रोक
DDMA ने दिल्ली में संचालित सभी बार को भी बंद कर दिया है और रेस्टोरेंटों में बैठाकर खाना खिलाने की सुविधा पर भी रोक लगा दी है। हालांकि, रेस्टोरेंटों को ग्राहकों को खाना पैक कर देने और होम डिलीवरी करने की छूट दी गई है।
दिल्ली में नहीं लगाया जाएगा लॉकडाउन
इससे पहले सोमवार को उपमुख्यमंत्री अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई DDMA की बैठक में दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाने का निर्णय किया था। हालांकि, उस दौरान हालातों पर नियंत्रण के लिए लोगों को नुकसान पहुंचाए बिना कुछ और प्रतिबंध लगाने पर सहमति बनी थी। इसी तरह मंगलवार को भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से वादा किया था कि दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा, लेकिन लोगों को करोनो प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।