ओमिक्रॉन का खतरा, आगे खिसक सकती है नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बहाल करने की तारीख
ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए सरकार नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की तारीख आगे बढ़ा सकती है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के नोट में कहा गया है कि बदले वैश्विक परिदृश्य के चलते स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सभी हितधारकों से चर्चा के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को बहाल करने का फैसला लिया जाएगा और इसे उचित समय पर सूचित किया जाएगा। अभी नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है।
15 दिसंबर से शुरू होनी थीं उड़ानें
बीते महीने नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया था कि 15 दिसंबर से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल कर दिया जाएगा। गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया था। बता दें कि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने पिछले साल 23 मार्च को अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी थीं। स्थिति बेहतर होने के बाद कुछ देशों के साथ एयर-बबल व्यवस्था के तहत उड़ानें संचालित की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने दिया था फैसले की समीक्षा का आदेश
ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की थी। इसमें उन्होंने अधिकारियों को नियमित अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा शुरू करने के फैसले की समीक्षा करने को कहा था। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि फैसला बदला जा सकता है। नए वेरिएंट को लेकर चेताते हुए उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों खासकर अधिक खतरे वाले देशों से आने वाले लोगों की मॉनिटरिंग और टेस्टिंग करने का निर्देश दिया था।
हवाई अड्डों पर आज से नए नियम लागू
कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से जारी नई गाइडलाइंस आज से लागू हो गई हैं। इसके तहत यूरोप, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बावे, सिंगापुर, इजरायल और हांगकांग समेत अधिक खतरे वाले देशों से आने वाले यात्रियों को भारत पहुंचने पर कोरोना टेस्ट करवाना होगा। अगर टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव भी आती है, तब भी उन्हें सात दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा और आठवें दिन दोबारा टेस्ट करवाना होगा।
रिपोर्ट आने से पहले नहीं छोड़ सकेंगे हवाई अड्डा
अधिक जोखिम का सामना कर रहे देशों से आने वाले यात्रियों को पहुंचने पर अपना सैंपल देना होगा और इसकी रिपोर्ट आने से पहले वो दूसरी फ्लाइट में नहीं बैठ पाएंगे और न ही हवाई अड्डे से बाहर निकल सकेंगे। अगर किसी यात्री की रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो उसके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उसे इलाज के लिए आइसोलेट किया जाएगा। बड़ी संख्या में टेस्ट के लिए हवाई अड्डों पर खास व्यवस्था की गई है।
कई देशों ने लागू किए हैं यात्रा प्रतिबंध
ओमिक्रॉन वेरिएंट सामने आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगा चुके हैं। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका और कई विशेषज्ञों ने इन पाबंदियों को अनुचित बताते हुए कहा कि इस कदम से संक्रमण का प्रसार नहीं थमेगा।
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत 15 देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं