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    लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने पर जल्दबाजी नहीं करेगी सरकार, विचार करने को तैयार
    लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने पर जल्दबाजी नहीं करेगी सरकार

    लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने पर जल्दबाजी नहीं करेगी सरकार, विचार करने को तैयार

    लेखन Adarsh Sharma
    Dec 20, 2021
    03:18 pm

    क्या है खबर?

    केंद्र सरकार लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने वाले प्रस्तावित कानून को संसदीय समिति के पास समीक्षा के लिए भेज सकती है।

    NDTV की खबर के अनुसार, इस विधेयक को राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।

    कुछ लोग सरकार के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है। लिहाजा सरकार इस कदम पर जल्दबाजी नहीं करना चाहती है।

    पृष्ठभूमि

    न्यूमतम उम्र बढ़ाने वाले विधेयक को मिल चुकी है कैबिनेट से मंजूरी

    मौजूदा सरकार की कैबिनेट ने पिछले हफ्ते "बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021" को मंजूरी दी थी।

    इसके अनुसार, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को पुरुषों के समान बढ़ाकर 21 वर्ष किया जाना है।

    न्यूनतम उम्र को पिछली बार 1978 में 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष किया गया था।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल के अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लड़कियों की सही उम्र में शादी करने की बात कही थी।

    विरोध

    कांग्रेस, CPM और सपा समेत कई दल कर रहे हैं विरोध

    कांग्रेस, CPM और कुछ अन्य दलों ने इस विधेयक का विरोध करने का फैसला किया है।

    समाजवादी पार्टी और AIMIM जैसे दलों ने भी इस विधेयक का विरोध किया है।

    कांग्रेस का आरोप है कि विधेयक का उद्देश्य "बेहद संदिग्ध और प्रेरित" है, इसलिए इसे समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास भेजना चाहिए।

    वहीं CPM का कहना है कि सरकार को लड़कियों की शिक्षा और पोषण पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

    सरकार

    सरकार विपक्षी दलों की मांग पर करेगी गौर

    सूत्रों के अनुसार, सरकार विधेयक को समीक्षा के लिए संसदीय समिति के पास भेजने के खिलाफ नहीं है।

    एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि स्थायी समिति विधेयक के प्रावधानों को पढ़ सकती है।

    मंत्री के अनुसार, "विधेयक पर अगला कदम इस बात पर निर्भर करेगा कि विपक्षी दल सदन में क्या मांग करते हैं।"

    दरअसल, सरकार को पिछले कई कानूनों को लेकर कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है, इसलिए अब सरकार सावधानी से कदम उठा रही है।

    संसद

    क्या सरकार इसी सत्र में लाएगी विधेयक?

    सरकार ने इसी सत्र में विधेयक लाने और इसे पारित करने की योजना बनाई है।

    लेकिन इस कदम को रोका जा सकता है क्योंकि वर्तमान सत्र में सिर्फ चार दिन शेष बचे हैं।

    वहीं संसद के दोनों सदनों में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन वापसी के मुद्दे पर गतिरोध चल रहा है।

    विपक्षी दल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग भी कर रहे हैं। गृह राज्यमंत्री के बेटे लखीमपुर खीरी मामले में जेल में हैं।

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