
एस जयशंकर ने पहली बार तालिबान के विदेश मंत्री से बात की, जानिए क्या बातचीत हुई
क्या है खबर?
पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने क्षेत्रीय गतिशीलता में नया पाठ जोड़ा है, जिसके तहत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की है।
यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जयशंकर ने पहली बार आधिकारिक तौर पर फोन कॉल पर बात की है और भारत की तालिबान प्रशासन के साथ पहली मंत्री स्तरीय बातचीत है।
जयशंकर ने एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
बातचीत
जयशंकर ने क्या कहा?
जयशंकर ने एक्स पर लिखा, 'आज कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं। झूठी, निराधार रिपोर्टों के जरिए भारत-अफ़गानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हाल के प्रयासों को उनकी दृढ़ अस्वीकृति का स्वागत किया। अफ़गानियों के साथ हमारी पारंपरिक मित्रता और उनकी विकास आवश्यकताओं के लिए निरंतर समर्थन को रेखांकित किया। सहयोग आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।'
बातचीत
तालिबान ने बातचीत पर क्या कहा?
तालिबान में सार्वजनिक संचार के निदेशक हाफिज जिया अहमद ने एक्स पर लिखा कि दोनों विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार को मजबूत करने और राजनयिक संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
मुत्ताकी ने भारत-अफगानिस्तान संबंधों को ऐतिहासिक बताया और सहयोग जारी रखेंगे और इसे मजबूत बनाने की बात कही।
उन्होंने मरीजों को वीजा देने और भारत में अफगान कैदियों की रिहाई और प्रत्यावर्तन पर बात की। दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह के विकास पर भी जोर दिया।
मायने
क्या है इस बातचीत के मायने?
अफगानिस्तान भारत का पड़ोसी देश है, यहां अगस्त 2021 से तालिबान की सरकार है। तभी से भारत-तालिबान संबंधों को मजबूत करने में जुटे हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव के समय पाकिस्तानी मीडिया ने भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में दरार डालने की कोशिश की और अफगानिस्तान को भी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को शिकार बताया।
हालांकि, अफगानिस्तान खंडन करता रहा। पाकिस्तान के अफगानिस्तान के साथ संबंध अच्छे नहीं है, ऐसे में भारत अफगानिस्तान से संबंध बढ़ाकर पाकिस्तान को चोट दे सकता है।
बंदरगाह
चाबहार बंदरगाह कितना है जरूरी?
विदेश मंत्री स्तर पर भले ही पहली बार बात हुई हो, लेकिन इससे पहले वरिष्ठ भारतीय राजनयिक जेपी सिंह 2 बार काबुल में और विदेश सचिव विक्रम मिस्री 1 बार दुबई में मुत्ताकी से मिल चुके हैं।
उस समय भी चाबहार बंदरगाह समेत कई मुद्दों पर बात हुई थी।
पाकिस्तान से तनाव के बाद सीमा चौकियां बंद हैं और अफगानिस्तान के पास भारत तक व्यापारिक पहुंच के लिए पाकिस्तान से जुड़े भूमि मार्ग के अलावा ईरान में चाबहार बंदरगाह है।