देश में कोरोना टेस्ट के लिए बढ़ा होम किट का उपयोग, विशेषज्ञों ने जताई चिंता
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण आई महामारी की तीसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों को लोगों को कोरोना की जांच के लिए होम टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा था।
इसके बाद से देश में होम टेस्ट किट का बड़ी तेजी से इस्तेमाल होना शुरू हो गया और लाखों की संख्या में लोगों ने इसका इस्तेमाल किया।
अब चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसके बढ़ते उपयोग पर चिंता जताई है।
डाटा
20 दिन में दो लाख लोगों ने साझा किए परिणाम
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, महामारी की तीसरी लहर के शुरुआत के बाद जनवरी के पहले 20 दिनों में होम किट का इस्तेमाल कर कोरोना की जांच करने वाले करीब दो लाख लोगों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अपने परिणाम साझा किए थे।
यह संख्या साल 2021 में इस्तेमाल की गई होम किट की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक थी।
हालांकि, अब विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्रालय से साझा किए गए परिणाम वास्वितक संख्या का बहुत कम हिस्सा है।
परेशानी
अधिकतर लोगों ने साझा नहीं किए परिणाम
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि होम किट के इस्तेमाल के बाद उसके परिणाम की स्वास्थ्य अधिकारियों को जानकारी देना आवश्यक है, लेकिन इसके बाद भी होम किट का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर लोगों ने इसके परिणाम साझा नहीं किए हैं।
इसका मतलब है कि देश का पहले से ही खराब परीक्षण डाटा और भी कम सटीक हो गया है। ऐसे में भविष्य में कोरोना महामारी को फैलाने वाले लोगों का पता लगाना और भी मुश्किल हो जाएगा।
अपील
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य अधिकारी ने की थी परिणाम साझा करने की अपील
होम किट के परिणाम साझा नहीं करने की समस्या से महाराष्ट्र काफी हद तक जूझा है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रदीप व्यास ने गत दिनों होम किट का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों से उसके परिणाम साझा करने की अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि होम किट खतरनाक वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन के बीच अंतर पैदा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में परिणाम साझा नहीं करने से डेल्टा से संक्रमितों के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है।
समस्या
मेडिकल दुकानों पर नहीं किया जा रहा रिकॉर्ड संधारित
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि महाराष्ट्र में अब मेडिकल दुकान संचालक होम किट का रिकॉर्ड रख रहे हैं, लेकिन अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है। यह सबसे बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि अब तक होम किट का इस्तेमाल करने वाले 20 प्रतिशत लोगों ने ही परिणाम साझा किए हैं। ऐसे में होम किट का इस्तेमाल करने वाले लोगों का पता लगाने के लिए मेडिकल दुकानों पर उनका रिकॉर्ड रखना आवश्यक है।
जानकारी
दिल्ली के कई लोगों ने स्वीकार की परिणाम साझा नहीं करने की बात
एसोसिएटेड प्रेस के साथ साक्षात्कार में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई लोगों ने स्वीकार किया था कि वह होम किट के इस्तेमाल में कोरोना संक्रमित पाए गए थे, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं दी। यह गंभीर मामला है।
बिक्री
10 गुना तक बढ़ गई होम किट की बिक्री
बता दें कि भारत में सबसे पहले मायलैब (MyLab) कंपनी ने पहली कोरोना होम टेस्ट किट लॉन्च की थी। वह प्रतिदिन पांच लाख किटों का उत्पादन कर रही है।
कंपनी के रणनीति प्रमुख सौरभ गुप्ता ने बताया कि पिछली तिमाही की तुलना में होम किट की बिक्री में 10 गुना बढ़ी है।
इसी तरह वर्तमान में आठ कंपनियां होम किटों का उत्पादन कर रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
जानकारी
RT-PCR के समान नहीं है होम किट के परिणाम
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही देश में होम किट का इस्तेमाल बढ़ रहा है, लेकिन इसके परिणाम RT-PCR टेस्ट के समान सटीक नहीं है। ऐसे में होम किट में झूठे निगेटिव निकलने वाले लोग खुलेआम अन्य लोगों तक संक्रमण को फैला रहे हैं।
बयान
कोरोना के नए वेरिएंटों का पता नहीं लगा सकती होम किट- विनीता बल
भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में प्रतिरक्षा प्रणाली का अध्ययन करने वाली विनीता बल ने कहा कि वायरस के नए वेरिएंट आने पर घर और लैब के टेस्टों की सटीकता प्रभावित होती है, लेकिन होम किट एक नए वेरिएंट का पता लगाने में सक्षम नहीं हो सकती हैं।
उन्होंने कहा यदि होम किट का इस्तेमाल बढ़ता रहता है और उसकी निगरानी नहीं की जाती है तो नए वेरिएंट के आने पर देश में बहुत खराब स्थिति हो सकती है।
संक्रमण
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 30,757 नए मामले सामने आए और 541 मरीजों की मौत हुई। इनमें पुरानी मौतें भी शामिल हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,27,54,315 हो गई है। इनमें से 5,10,413 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3,32,918 हो गई है। सक्रिय मामलों में लगातार 23वें दिन गिरावट आई है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण आई तीसरी लहर के बाद देश में हालात सुधर रहे हैं।