बिहार: रेत के खनन के विरोध में ग्रामीणों का पथराव; पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस छोड़ी
बिहार के गया जिले में मंगलवार को रेत की खदानों को लेकर स्थानीय लोगों और पुलिस में टकराव हो गया। टकराव के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने भी जवाब कार्रवाई की जिसमें कुछ ग्रामीण घायल हो गए। पुलिस ने कुछ महिलाओं के हाथ बांधकर उन्हें जमीन पर भी बैठा दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कुछ लोगों ने इस वीडियो पर रोष व्यक्त किया है।
रेत की खदानों की नीलामी करने पर ग्रामीणों ने किया हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को गया के बेलागंज में रेत की खदानों की नीलामी करने के लिए कुछ अधिकारी पहुंचे थे। उनकी मदद करने के लिए कुछ पुलिसकर्मी भी मौके पर मौजूद थे। लेकिन नीलामी से नाराज ग्रामीण इकट्ठा होकर मौके पर पहुंच गए और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। उप पुलिस अधीक्षक के अनुसार, इस पथराव में कम से कम नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े
ग्रामीणों के इस हमले की प्रतिक्रिया में पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और ग्रामीणों पर हल्का लाठीचार्ज किया। इसके अलावा पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले भी दागे। पुलिस ने कई महिलाओं और पुरुषों को पकड़ कर उनके हाथ भी बांध दिए और उन्हें जमीन पर बैठने पर मजबूर किया। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया यूजर्स ने तालिबान से की पुलिस के कदम की तुलना
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कई पुरुषों और महिलाओं को बंधे हाथों के साथ जमीन पर बैठे हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की तुलना तालिबान से की है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव नदी के किनारे है और अगर बालू का खनन किया गया तो बारिश में उनके घर गिर जाएंगे।
देखें घटना का वीडियो
अवैध खनन को रोकने के लिए बिहार सरकार कर रही खदानों का ऑडिट
बता दें कि राज्य में रेत के अवैध खनन से निपटने के लिए बिहार राज्य खनन निगम ने इस महीने की शुरुआत में रेत की सभी खदानों का पर्यावरण ऑडिट और उनकी नीलामी करने का निर्देश दिया था। ये जिम्मा निजी कंपनियों को दिया गया है जो तकनीक और ड्रोन्स का उपयोग करके नदी के किनारों और रेत की खदानों का निरीक्षण करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही खदानों की नीलामी की जाएगी।