
राजनाथ सिंह की 2 दिवसीय ब्रिटेन यात्रा, 22 साल में किसी रक्षा मंत्री का पहला दौरा
क्या है खबर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार से ब्रिटेन की 2 दिवसीय यात्रा पर होंगे। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के लिए उनकी इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ये 22 साल बाद किसी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली ब्रिटेन यात्रा होगी। उनके साथ रक्षा मंत्रालय का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
आइए जानते हैं कि ब्रिटेन यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री का क्या कार्यक्रम रहेगा।
कार्यक्रम
रक्षा मंत्री का क्या रहेगा कार्यक्रम?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ अपनी यात्रा के दौरान ब्रिटेन में अपने समकक्ष ग्रांट शाप्स के साथ विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और विदेश मंत्री डेविड कैमरून से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा वह लंदन में स्थित महात्मा गांधी और डॉ बीआर आंबेडकर स्मारक भी जाएंगे।
उनके ब्रिटेन में उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करने की उम्मीद है।
बयान
यात्रा को लेकर जानकारों ने क्या कहा?
यात्रा को लेकर विदेश और कूटनीतिक मामलों के जानकार राहुल रॉय चौधरी ने कहा, "राजनाथ की ये यात्रा रणनीतिक और सामरिक दोनों ही दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि 22 साल के बाद कोई भारतीय रक्षा मंत्री ब्रिटेन पर जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "ये ब्रिटेन के साथ भारत के राजनीतिक संबंधों में सुधार का संकेत देती है। इससे पहले भी भाजपा सरकार में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने 22 जनवरी, 2002 को ब्रिटेन की यात्रा की थी।"
सुधार
दोनों देशों के बीच कितने मजबूत हैं रिश्ते?
चौधरी ने कहा, "पिछले साल सितंबर में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तों में विकसित होती आपसी विश्वास की भावना का भी पता चलता है।"
उन्होंने कहा, "राजनाथ की ये यात्रा ब्रिटेन के साथ सैन्य सहयोग को मजबूत करने की दिशा में सार्थक प्रयास करेगी। इससे पहले दोनों देशों के बीच सचिव स्तर पर दिल्ली में रक्षा सलाहकार समूह (DCG) की बैठकें हो चुकी है।"
महत्वपूर्ण
क्यों महत्वपूर्ण है भारतीय रक्षा मंत्री की ब्रिटेन यात्रा?
भारतीय रक्षा मंत्री की ये यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक हिंसा को लेकर भारत ने चिंता व्यक्त की है।
इसके अलावा, भारत सरकार को यात्रा के दौरान ब्रिटेन की रक्षा आपूर्ति पर कुछ विवादास्पद मुद्दों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है।
विश्लेषकों का कहना है कि मंत्री स्तर पर बातचीत के इस मौके पर भारत सरकार का ध्यान 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' एजेंडे के कार्यान्वयन पर केंद्रित होना चाहिए।