युवाओं के विरोध के बीच सेना का ऐलान, वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना
भारतीय सेना में युवाओं की अल्पकालीन भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को देश के कई राज्यों में कड़ा विरोध हो रहा है। इसको लेकर रविवार को रक्षा मंत्रालय में सेना की तीनों कमानों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक के बाद सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना किसी भी सूरत में वापस नहीं होगी और भविष्य में इसके जरिए ही नई भर्तियां होंगी।
"लंबे समय थे लंबित था यह सुधार"
जनरल पुरी ने कहा, "सेना में यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ देश की तीनों सेनाओं में युवावस्था और अनुभव का अच्छा मिश्रण लाना चाहते हैं। ऐसे में इस योजना को किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा।" उन्होंने स्पष्ट किया, "सेना में अब सभी भर्ती अग्निपथ योजना के तहत ही होंगी। पहले आवेदन करने वालों के लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ा दी गई है। सभी को नए सिरे से आवेदन करना होगा।"
सेनाओं में चाहते हैं जोश और होश का अच्छा मिश्रण- जनरल पुरी
जनरल पुरी ने कहा, "सेनाओं की औसम उम्र कम करना हमारी प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि सेना की तीनों सेनाओं में जोश और होश का अच्छा मिश्रण हो और इसलिए ही हम आयु को कम रखना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "वर्तमान में सेना में जवानों की औसत आयु 30 से अधिक है। ऐसे में हम इसे कारगिल समीक्षा समिति और अरुण सिंह समिति की सिफारिशों के अनुसार 26 साल पर लाना चाहते हैं। इससे सेना में संतुलन बढ़ेगा।"
अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के बराबर मिलेगा भत्ता- जनरल पुरी
जनरल पुरी ने कहा कि अग्निवीरों को सियाचिन और अन्य दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती पर वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनसे कोई भेदभाव नहीं होगा। शहीद होने पर एक करोड़ का मुआवजा मिलेगा।
"योजना में भर्ती के लिए देना होगा शपथ पत्र"
जनरल पुरी ने कहा, "अनुशासन भारतीय सेना की नींव है। यहां आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं। भर्ती में सभी उम्मीदवारों को विरोध या हिंसा का हिस्सा नहीं होने का शपथ पत्र देना होगा। उसके बिना वह भर्ती में शामिल नहीं हो सकेगा।" उन्होंने कहा, "उम्मीदवारों के शपथ पत्र देने के बाद उनका पुलिस सत्यापन भी किया जाएगा। सेना में अनुशासनहीनता को कोई जगह नहीं है। जिनके खिलाफ FIR दर्ज हुई है, वो भी भर्ती का हिस्सा नहीं होंगे।"
सेना ने बनाई 1.25 लाख अग्निवीरों की भर्ती की योजना
जनरल पुरी ने कहा कि योजना की शुरुआत में 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है, यह क्षमता अभी और बढ़ेगी। अगले चार-पांच सालों में यह संख्या 50,000-60,000 पर पहुंचेगी और फिर इसे 90,000 से बढ़ाकर एक लाख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना की योजना में 1.25 लाख तक अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। इस प्रकार से यदि 25 प्रतिशत को नियमित किया जाता है तो स्वत: ही 46,000 अग्निवीरों की नियमित भर्ती होगी।
थल सेना में इस साल होगी 25,000 अग्निवीरों की भर्ती
जनरल पुरी ने कहा कि इस साल दिसंबर के पहले सप्ताह तक थल सेना में 25,000 अग्निवीरों का पहला बैच भर्ती कर लिया जाएगा। इसके बाद फरवरी 2023 तक दूसरे बैच में अभ्यर्थियों की भर्ती कर यह संख्या 40,000 पूरी कर ली जाएगी।
वायुसेना में कब से होगी भर्ती की शुरुआत?
भारतीय वायुसेना (IAF) के एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि पहले बैच के अग्निवीरों की भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 24 जून, 2022 से शुरू होगी। फेज-1 की ऑनलाइन परीक्षा 24 जुलाई से शुरू होगी। पहले बैच के प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन दिसंबर में शुरू होंगे और इस प्रक्रिया को 30 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले सुबह वायुसेना की ओर से भर्ती को लेकर विस्तृत विवरण भी जारी किया गया था।
नौसेना में कब से होगी भर्ती की शुरुआत?
भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि अग्निवीरों की भर्ती के लिए विज्ञापन 25 जून को दी जाएगा। पहला बैच 21 नवंबर, 2022 से ओडिशा स्थिति INS चिल्का में प्रशिक्षण के लिए पहुंचेगा। नौसेना में महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि नौसेना में पहले से ही विभिन्न जहाजों में 30 महिला अधिकारी तैनात हैं। ऐसे में नौसेना ने अग्निपथ योजना के तहत भी महिला अग्निवीरों की भर्ती का फैसला किया है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।