राजस्थान: रामदेव की कोरोना वायरस की दवा बेचते पाए जाने पर होगी कार्रवाई- स्वास्थ्य मंत्री
क्या है खबर?
राजस्थान सरकार ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति बाबा रामदेव की कोरोना वायरस (COVID-19) का इलाज करने का दावा करने वाली दवा बेचता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा केंद्र सरकार ने 21 जून को नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि आयुष मंत्रालय से अनुमति लिए बिना कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस के लिए आयुर्वेदिक दवा नहीं बेच सकता।
बयान
रामदेव ने दवा के ट्रायल के लिए नहीं ली थी अनुमति- शर्मा
शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए केंद्र सरकार, आयुष मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के दिशानिर्देशों का पालन कर रही है। ऐसे में अगर कोई कोरोना वायरस के इलाज का दावा करने वाली दवा बेचते हुए पाया जाता है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शर्मा ने कहा कि बाबा रामदेव ने राज्य में दवा का क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली थी।
दावा
बाबा रामदेव ने किया था कोरोना का इलाज ढूंढने का दावा
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बाबा रामदेव ने मंगलवार को 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' नाम से दवा लॉन्च की थी।
इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि इस दवा से मरीजों की रिकवरी रेट 100 प्रतिशत है। इसके अलावा इसके सेवन से मरीज के मरने की आशंका बिल्कुल खत्म हो जाती है।
रामदेव ने दावा किया कि यह दवा श्वसन तंत्र को मजबूत करती है, जिससे कोरोना संक्रमण का असर नहीं होता।
बयान
गुमराह करने वाले लोगों पर होगी कार्रवाई- शर्मा
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल को लेकर राज्य सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं मिला था और न ही सरकार ने कोई अनुमति दी थी।
शर्मा ने कहा, "राज्य सरकार की अनुमति के बिना इंसानी ट्रायल नहीं हो सकते। जिन्होंने सरकार की अनुमति के बिना क्लिनिकल ट्रायल किए हैं वो लोगों को गुमराह कर रहे हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
जानकारी
रामदेव ने NIMS के साथ मिलकर ट्रायल करने का किया दावा
बाबा रामदेव ने कहा था कि उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (NIMS) यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर क्लिनिकल ट्रायल किए थे। वहीं NIMS के निदेशक डॉक्टर अनुराग तोमर ने कहा ट्रायल से पहले उन्होंने क्लिनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री इंडिया (CTRI) से अनुमति ली थी।
प्रतिक्रिया
क्लिनिकल ट्रायल के दावे पर क्या बोले शर्मा?
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मा ने कहा कि NIMS में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को कुछ दिनों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाता है। उन्होंने कहा, "ऐसे लोगों पर कैसे क्लिनिकल ट्रायल किया जा सकता है जब तक यह साफ नहीं है कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं?"
शर्मा ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल ICMR के दिशानिर्देशों के मुताबिक होने चाहिए और वहां पर रजिस्टर्ड आयुष डॉक्टर की मौजूदगी होना जरूरी है।
जानकारी
आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज का दावा ठीक नहीं- शर्मा
वहीं बाबा रामदेव के कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने के दावे पर रघु शर्मा ने HT से कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तो इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इससे इलाज का दावा करना ठीक नहीं है।
फैसला
महाराष्ट्र में भी दवा की बिक्री पर लगी रोक
राजस्थान की तरह महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य में बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कोरोनिल के क्लिनिकल ट्रायल के बारें में अभी तक जानकारी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में राज्य में इस दवा की बिक्री पर रोक रहेगी।
देशमुख ने रामदेव को चेतावनी देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र सरकार नकली दवाओं की अनुमति नहीं देगी।
दवा
रामदेव ने बिना लाइसेंस के बना दी कोरोना की दवा
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को दवा बनाने का लाइसेंस उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग से मिला था।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पतंजलि को महज रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने, खांसी और बुखार की आयुर्वेदिक दवा बनाने का लाइसेंस दिया गया था।
कंपनी ने अपने लाइसेंस आवेदन में कहीं भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का उल्लेख नहीं किया था।
पतंजलि ने कोरोना का दवा बनाने का लाइसेंस होने के बिना ही इसका दवा बनाकर लॉन्च कर दी है।