पतंजलि को मिला था केवल खांसी और बुखार की दवा बनाने का लाइसेंस- उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग
क्या है खबर?
योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी की ओर से 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' नाम से कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा करने के मामले में पेंच फसता ही जा रहा है।
मंगलवार को आयुष मंत्रायल की ओर से दवा के विज्ञापन पर रोक लगाने के बाद अब उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग ने इस मामले में नया खुलासा किया है।
विभाग की माने तो पतंजलि को महज खांसी और बुखार की दवा बनाने का ही लाइसेंस दिया गया था।
प्रकरण
पतंजलि आयुर्वेद ने किया कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा
बता दें मंगलवार को बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद द्वारा 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' के नाम से कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था।
इसमें कहा गया था कि यह 100 प्रतिशत कोरोना मरीजों को फायदा पहुंचा रही है। इसका 280 मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल भी किया गया था, जिसमें तीन दिन के अंदर 69 प्रतिशत और सात दिन के अंदर शत प्रतिशत मरीज ठीक हो गए। सभी मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव से निगेटिव आई है।
आवेदन
कंपनी ने आवेदन में नहीं किया था कोरोना की दवा बनाने का उल्लेख
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग के एक लाइसेंसिंग अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पतंजलि कंपनी को महज रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ खांसी और बुखार की आयुर्वेद दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया था।
कंपनी ने अपने लाइसेंस आवेदन में कहीं भी कोरोना वायरस की दवा बनाने का उल्लेख नहीं किया था। ऐसे में वह अब पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी कर पूछेंगे कि उन्हें कोरोना की दवा बनाने की अनुमति कहां से मिली।
आयुष मंत्रालय
आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार से मांगी जारी किए गए लाइसेंसों की जानकारी
मामले में आयुष मंत्रालय की ओर से उत्तरखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण से कोरोना की दवा निर्माण के लिए अब तक जारी किए गए लाइसेंस और आवेदनों की जानकारी भी मांगी गई है।
आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि पतंजलि की दवाओं को उत्तराखंड सरकार द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद ही देखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि दवा बनाना अच्छी बात है, लेकिन नियम के अनुसार इसे पहले आयुष मंत्रालय में भेजा जाना चाहिए।
जानकारी
पतंजलि ने किया NIMS के साथ शोध करने का दावा
बाबा रामदेव ने कहा था कि पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI), हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS) जयपुर द्वारा दवा पर शोध किया गया है। इसका निर्माण हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
नोटिस
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को जारी किया नोटिस
दवा की लॉन्चिंग के बाद आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए कंपनी को नोटिस जारी कर दिया।
इसके अलावा उसे दवा का नाम, दवा का मिश्रण, शोध, संस्थागत इथिक कमेटी की मंजूरी, CTRI पंजीयन और परिणाम डाटा भेजने को कहा है।
इसके अलावा यह भी कहा गया है कि दवा का इस तरह विज्ञापन औषधि एवं चमत्कारिक उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 तथा कोरोना के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है।