
कोरोना की दवा: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ शिकायत, गुमराह करने का आरोप
क्या है खबर?
पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव और चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ मुजफ्फरपुर की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी की तरफ से मुजफ्फरपुर के चीफ ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट की अदालत में दी गई इस शिकायत में कहा गया है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस की गलत दवा बनाकर देश के गुमराह किया है।
अदालत ने शिकायत को स्वीकार कर लिया है और इस पर 30 जून को सुनवाई होगी।
दावा
रामदेव ने किया कोरोना की दवा बनाने का दावा
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बाबा रामदेव ने मंगलवार को 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' नाम से दवा लॉन्च की थी।
इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि इस दवा से मरीजों की रिकवरी रेट 100 प्रतिशत है। इसके अलावा इसके सेवन से मरीज के मरने की आशंका बिल्कुल खत्म हो जाती है।
रामदेव ने दावा किया कि यह दवा श्वसन तंत्र को मजबूत करती है, जिससे कोरोना संक्रमण का असर नहीं होता।
जानकारी
रामदेव के खिलाफ केस करेगी राजस्थान सरकार
अब राजस्थान सरकार ने भी बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज कराने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि बाबा रामदेव ने बिना अनुमति मरीजों पर कोरोनिल का ट्रायल किया। सरकार ने पतंजलि के ट्रायल को फ्रॉड बताया है।
राजस्थान
दवा को लेकर पहले भी हो चुकी है शिकायत
पतंजलि द्वारा दवा लॉन्च करने के कुछ ही घंटो बाद इसके खिलाफ कई जगह शिकायत दर्ज हो गई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर में RTI कार्यकर्ता डॉक्टर संजीव गुप्ता ने गांधीनगर थाने में बाबा रामदेव और उनके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दी है।
उन्होंने बाबा रामदेव द्वारा दवा की लॉन्चिंग को गलत बताते हुए आरोप लगाया कि लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार की अनुमति के बिना दवा उतारना गैर-कानूनी है।
जानकारी
हरियाणा में भी दर्ज हुई शिकायत
इसी तरह हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट में वकील सुखविंद्र सिंह नारा ने मामले को हरियाणा के DGP के संज्ञान में लाते हुए रामदेव और उनके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दी है। उन्होंने रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
रोक
सरकार ने विज्ञापन पर लगाई रोक
रामदेव के दवा लॉन्च करने के कुछ ही घंटे बाद सरकार ने इसके प्रचार पर रोक लगा दी।
आयुष मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि बिना मानक की जांच कराए इस दवा के हर तरह के विज्ञापन पर रोक रहेगी।
मंत्रालय ने पतंजलि से दवा के संबंध में और जानकारी मांगी है, जिसका मंत्रालय की टास्क फोर्स द्वारा विश्लेषण किया जाएगा। अगर यह मानकों पर खरी उतरती है तभी इसे बाजार में उतारने की अनुमति दी जाएगी।
प्रतिक्रिया
क्या बोले आयुष मंत्री?
पतंजलि की दवा पर प्रतिक्रिया देते हुए आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि रामदेव को मंत्रालय से अनुमति लिए बिना इसका ऐलान नहीं करना चाहिए था।
उन्होंने कहा, 'अच्छी बात है कि रामदेव ने नई दवा दी है, लेकिन नियमों के मुताबिक उन्हें पहले आयुष मंत्रालय के पास आना था।"
नाईक ने कहा, "पतंजलि से मिली जानकारी की हमारी टास्क फोर्स समीक्षा करेगी। इसमें देखा जाएगा कि उन्होंने किस फॉर्मूले से दवा तैयार की है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये आज भेजी गई शिकायत की कॉपी
#justin|Social worker Tamanna Hashmi lodged a complaint against #Patanjali Convener Swami #Ramdev and Chairman Acharya Balakrishna in Chief Judicial Magistrate's Court of #Muzaffarpur, accusing of misleading the country by making the wrong medicine. Next hearing is on June 30 pic.twitter.com/9Tkp6bIiVj
— Mojo Story (@themojo_in) June 24, 2020