अशोक गहलोत को मानहानि मामले में समन, दिल्ली कोर्ट ने 7 अगस्त को पेशी पर बुलाया
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत को मानहानि के एक मामले में समन जारी किया है। गहलोत को 7 अगस्त को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसाइटी में हुए घोटाले में उनके शामिल होने का आरोप लगाने के लिए गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था।
शेखावत ने गहलोत पर साधा निशाना
शेखावत ने गहलोत के खिलाफ समन जारी होने पर कुछ पंक्तियों के जरिए निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'कीचड़ उछालने वाले लाख है मगर, कंठ तक जल में गड़ा, मुस्कुराता है कमल, तभी तो जग को लुभाता है कमल।'
क्या है मानहानि का मामला?
गहलोत ने इस साल फरवरी में एक ट्वीट कर शेखावत को संजीवनी घोटाले का आरोपी बताया था। उन्होंने कहा था कि राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा की गई जांच में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों की तरह शेखावत का जुर्म भी प्रमाणित हुआ है। इसके बाद शेखावत ने दिल्ली की कोर्ट में उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाते हुए गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था।
शेखावत ने आरोपों पर क्या कहा था?
शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि गहलोत ने उनके और परिवार के सदस्यों के खिलाफ बिना किसी आधार के आरोप लगाए हैं और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। शेखावत ने मार्च में दाखिल की गई अपनी याचिका में कहा था कि घोटाले के कारण अपने रुपए खोने वाले कुछ लोगों से मिलने के बाद गहलोत ने उनके ऊपर आरोप लगाए थे।
राजस्थान पुलिस ने मामले में शेखावत को बनाया है आरोपी
राजस्थान पुलिस ने घोटाले के मामले में शेखावत को आरोपी बताया है और एक समय उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी थी। इसके बाद शेखावत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतिरम राहत के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया था। बता दें कि शेखावत ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर किए जाने के खिलाफ भी याचिका दाखिल की थी।
क्या है संजीवनी क्रेडिट घोटाला?
राजस्थान में करीब 1.5 लाख लोगों ने ने संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसाइटी में 900 करोड़ से अधिक रुपये निवेश किए थे। हालांकि, सोसाइटी ने निवेश की गई रकम का दुरुपयोग कर लिया। मामले की जांच कर रहा SOG मुख्य आरोपी और सोसाइटी के प्रबंध निदेशक विक्रम सिंह इंद्रोई समेत अन्य कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है। ठगी का शिकार हुए लोग एकजुट होकर लगातार उनकी रकम को वापस किए जाने की मांग कर रहे हैं।