पानी की बोतल के लिए अधिक पैसे वसूलने पर रेलवे कॉन्ट्रैक्टर पर लगा 1 लाख जुर्माना
भारतीय रेलवे ने अंबाला डिवीजन में पानी की बोतल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से पांच रुपए ज्यादा वसूलने पर एक कैटरिंग कॉन्ट्रैक्टर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल, एक वेंडर चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन में 15 रुपये की जगह 20 रुपये में पानी की बोतल बेच रहा था। ट्रेन में यात्रा कर रहे एक शख्स ने घटना की वीडियो शेयर कर भारतीय रेलवे और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से शिकायत की थी।
शख्स ने क्या शिकायत की थी?
शिवम भट्ट नामक शख्स ने वीडियो शेयर कर लिखा था, "हम कितनी भी शिकायत करें, कितना भी उनका सामना करें, लेकिन कुछ भी नहीं सुधरेगा क्योंकि रेल मंत्रालय इस लूट के मूल कारण पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है।" उन्होंने आगे लिखा था, "वेंडर बार-बार कहता रहा कि ट्रेन में पैंट्री कार या कोई मैनेजर नहीं है...तो क्या कोई भी ट्रेन में चढ़ सकता है और रेल नीर को किसी भी कीमत पर बेच सकता है?"
यहां देखें घटना की वीडियो
वेंडर का मैनेजर को किया गया गिरफ्तार
रेलवे ने कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के गौंडा के कॉन्ट्रैक्टर चंद्रमौली मिश्रा पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने 1 दिसंबर को ट्रेन में पानी की बोतल बेचने के लिए लाइसेंस जारी किया था। ट्रेन में पानी की बोतल बेच रहे वेंडर दिनेश के मैनेजर रवि कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 144 के तहत केस दर्ज हुआ है।
मामले में रेलवे अधिकारी ने क्या कहा?
अंबाला डिवीजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) मनदीप सिंह भाटिया ने बताया की कॉन्ट्रैक्टर पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है और इसके साथ उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 1 अप्रैल से डिवीजन में 1,000 से अधिक अनधिकृत विक्रेताओं पर केस दर्ज किया गया है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की मदद से ओवरचार्जिंग के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए 15 दिनों का एक विशेष अभियान भी शुरू किया गया है।
IRCTC ने सामान बेचने के लिए तय किए हैं मूल्य
बता दें कि IRCTC ने सभी लाइसेंस प्राप्त कॉन्ट्रैक्टर और वेंडर के लिए स्टेशन और ट्रेन में सामान बेचने के लिए मूल्य तय किया है। वहीं, इससे अधिक कीमत पर सामान बेचने पर लाइसेंस रद्द करने या जुर्माना लगाए जाने की कार्रवाई की जाती है। रेलवे यात्री MRP से अधिक मूल्य पर सामान बेचे जाने पर रेलवे पुलिस, रेल मदद वेबसाइट समेत विभिन्न माध्यमों के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।