रेल रोको अभियान: किसानों ने कई जगह रोकी ट्रेनें, 25 ट्रेनों के परिचालन में हुआ बदलाव
क्या है खबर?
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा गुरुवार को चार घंटे के लिए चलाए गए 'रेल रोको' अभियान का देश में मिला-जुला असर देखने को मिला।
अभियान के तहत किसानों ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका।
इस दौरान कहीं से भी किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आई। शाम 4 बजे के बाद सभी ट्रेनों का संचालन सामान्य हो गया।
रेल रोको अभियान
किसान संयुक्त मोर्चा ने किया था देशव्यापी 'रेल रोकने' का आह्वान
30 से अधिक किसान संगठनों के सामूहिक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस रेल रोको प्रदर्शन को बुलाया था और यह 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड और 6 फरवरी को चक्का जाम के बाद किसान आंदोलन का तीसरा बड़ा प्रदर्शन था।
किसान मोर्चा ने कहा था कि सरकार की दमनाकारी नीति के खिलाफ किसान एकजुट हो गए हैं और रेल रोको अभियान के तहत दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेल रोकेंगे।
असर
इन राज्यों में रोकी गई ट्रेनें
रेल रोको अभियान के तहत जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पुणे, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में किसानों ने रेलवे स्ट्रेनों पर ट्रैक पर बैठकर ट्रेनों को रोका।
इस दौरान हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजसथान में ट्रेन चालक और यात्रियों को चाय-नाश्ता दिया गया। कई जगहों पर किसानों ने पुलिसकर्मियों को भी मिठाई खिलाई।
हरियाणा के चरखी दादरी में ग्रामीणों ने ट्रेन रोकने वाले किसानों और वहां तैनात पुलिसकर्मियों के लिए चाय-पकौड़ों का प्रबंध किया।
कार्रवाई
पुणे में तीन के खिलाफ मामला दर्ज
महाराष्ट्र के पुणे में भी मजदूर कल्याण कार्यकर्ता नितिन पवार के नेतृत्व में कांग्रेस, शिवसेना, NCP और AAP कार्यकर्ताओं ने ट्रैक पर बैठकर कोयना एक्सप्रेस को रोका। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ट्रेन के सामने खड़े होकर नारेबाजी की।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) अधिकारी ने बताया कि पवार सहित तीन कार्यकर्ताओं के खिलाफ अवैध रूप से रेलवे प्लेटफॉर्म पर आने, रेलवे ट्रैक पार करने और नारेबाजी करने के लिए रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बयान
पंजाब, हरियाणा तक सीमित नहीं रहा आंदोलन- भजन सिंह
देशभर में छोटे-बड़े स्टेशनों पर रेल पटरियों को बाधित किए जाने के बीच सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को दावा किया कि यह आंदोलन केवल पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित नहीं है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता भजन सिंह ने कहा कि सरकार लगातार यह कह रही है कि विरोध केवल पंजाब और हरियाणा के किसानों तक ही सीमित है, लेकिन रेल रोको प्रदर्शन ने सरकार को गलत साबित कर दिया है।
प्रभाव
उत्तर रेलवे जोन में 25 ट्रेनों के परिचालन में किया परिवर्तन
किसानों के 'रेल रोको' अभियान का असर ट्रेनों के परिचालन पर भी देखने को मिला है और अभियान के कारण उत्तर रेलवे जोन को करीब 25 ट्रेनों के परिचालन में परिवर्तन करना पड़ा।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा, "किसानों के 'रेल रोको' अभियान के कारण अब तक लगभग 25 ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है। आंदोलन के चलते रेल सेवाओं पर न्यूनतम असर हुआ है। शाम 4 बजे के बाद संचालन सुचारू हो गया।"
घटना
अभियान के दौरान नहीं हुई किसी प्रकार की अप्रिय घटना- रेलवे
रेलवे ने कहा कि रेल रोको अभियान के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आई और पूरे देश में ट्रेनों के परिचालन पर नगण्य या मामूली असर पड़ा।
विभाग के अनुसार, "अभियान के दौरान देश के सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही। अधिकतर जोन से प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने की कोई सूचना नहीं मिली है। शाम करीब 04:30 बजे के बाद ट्रेनों का संचालन पूरी तरह सामान्य हो गया।"
जानकारी
दिल्ली में बंद किए गए चार मेट्रो स्टेशनों को खोला गया
अभियान के खत्म होने के बाद दिल्ली में टिकरी बॉर्डर, पंडित श्रीराम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडिय होशियार सिंह मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वारों को खोल दिया गया है। दोपहर में ऐहतियात के तौर पर इन्हें बंद कर दिया गया था।