भारतीय क्रिकेट टीम की मीटिंग में हुई किसान आंदोलन पर चर्चा, कप्तान कोहली ने दी जानकारी
क्या है खबर?
कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन की चर्चा अब भारतीय क्रिकेट टीम तक पहुंच गई है।
चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ 05 फरवरी से खेले जाने वाले पहले टेस्ट से पहले भारतीय टीम की मीटिंग में खिलाड़ियों ने किसान आंदोलन पर चर्चा की।
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने खुद इसकी जानकारी दी है। हालांकि, उन्होंने मामले पर हुई चर्चा का पूरी तरह से खुलासा नहीं किया।
मुद्दा
क्या है किसानों के आंदोलन का मामला?
मोदी सरकार ने पिछले साल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून बनाए थे। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
देश के कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
बयान
किसान आंदोलन पर सभी खिलाड़ियों ने रखी अपनी राय- कोहली
इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से चेन्नई में शुरू होने वाले पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान विराट कोहली ने कहा, "देश में चल रहे सभी मामलों की तरह हमने टीम बैठक में किसान आंदोलन पर भी चर्चा की। इसमें सभी खिलाड़ियों ने अपनी राय रखी।"
उन्होंने आगे कहा कि टीम मीटिंग में किसान आंदोलन पर संक्षेप में चर्चा हुई थी और उसके बाद टीम और मैच को लेकर रणनीति पर बात की गई थी।
अपील
रिहाना के ट्वीट के बाद क्रिकेट के दिग्गजों ने की थी एकजुटता की अपील
बता दें कि पॉप सिंगर रिहाना और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए किसानों का समर्थन किया था।
इसके बाद बॉलीवुड सितारों सहित क्रिकेट दिग्गजों ने लोगों से एकजुटता की अपील की थी।
यह अपील करने वाले क्रिकेटरों में दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली सहित कई भारतीय क्रिकेट सितारे शामिल थे। सभी ने देश में एकजुटता बनाए रखने की अपील की थी।
बयान
कप्तान कोहली ने किया था यह ट्वीट
मामले में कप्तान कोहली ने ट्वीट किया था, 'असहमति के इस दौर में हम सभी को एकजुटता बनाए रखनी चाहिए। किसान देश का अभिन्न अंग हैं और मुझे यकीन है कि सभी पक्षों के बीच शांति लाने के लिए एक सौहार्दपूर्ण समाधान मिल जाएगा।'
प्रदर्शन
पिछले ढाई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
बता दें कि कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित अन्य राज्यों के खिलाफ पिछले ढाई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों ने सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर डेरा जमा रखा है।
इस बीच किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। इसमें हुई हिंसा के कारण 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।