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किसान आंदोलन: 'रेल रोको' अभियान के तहत देशभर में कई जगह रोकी गईं ट्रेनें

किसान आंदोलन: 'रेल रोको' अभियान के तहत देशभर में कई जगह रोकी गईं ट्रेनें

Feb 18, 2021
06:28 pm

क्या है खबर?

कृषि कानूनों को विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान आज 'रेल रोको' अभियान का आयोजन किया और इसके तहत देश के कई हिस्सों में ट्रेनें रोकी गईं। पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश आदि से ट्रेनों को रोके जाने और किसानों के रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन करने की खबरें आई हैं। दोपहर 12 बजे शुरू हुआ ये प्रदर्शन शाम को 4 बजे खत्म हुआ और इसके बाद सभी रास्तों को खोल दिया गया।

रेल रोको अभियान

संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाया था प्रदर्शन

30 से अधिक किसान संगठनों के सामूहिक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस रेल रोको प्रदर्शन को बुलाया था और यह 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड और 6 फरवरी को चक्का जाम के बाद किसान आंदोलन का तीसरा बड़ा प्रदर्शन था। इसके बारे में बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा और किसान फंसे हुए यात्रियों को पानी, दूध, लस्सी और फल आदि प्रदान करेंगे।

सुरक्षा व्यवस्था

रेलवे ने तैनात की स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां

किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और संवेदनशील इलाकों में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स (RPSF) की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियों को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया जहां सबसे अधिक प्रदर्शन होने की आशंका थी। RPSF के महानिदेशक अरुण कुमार ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और यात्रियों के लिए असुविधा पैदा न करने की अपील की।

बातचीत

सरकार और किसानों के बीच टूट चुका है बातचीत का सिलसिला

बता दें कि इन प्रदर्शन का आयोजन ऐसे समय पर किया गया है जब सरकार और किसानों के बीच बातचीत का सिलसिला पूरी तरह से टूट चुका है और गतिरोध टूटने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। अंतिम दौर की बैठक में सरकार साफ कर चुकी है कि वह तीनों कृषि कानूनों को 18 महीने तक निलंबित करने के लिए तैयार है, हालांकि किसान इस प्रस्ताव पर राजी नहीं हैं और कानूनों की वापसी चाहते हैं।

बदलाव

किसान संगठनों ने किया है अपनी रणनीति में बदलाव

सरकार पर दबाव बढ़ाने और आंदोलन को लंबे समय तक जारी रखने के लिए किसान संगठनों ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है। नई रणनीति के तहत आंदोलन का देश के अंदरूनी इलाकों में विस्तार किया जाएगा और इसलिए किसान दिल्ली बॉर्डर से गांवों की तरफ वापस जा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में किसान पंचायतों का आयोजन भी किया जा रहा है और इन पंचायतों में हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं।

मुद्दा

क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?

मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।