किसान आंदोलन: कल देशभर में चार घंटे के लिए 'रेल रोकेंगे' किसान, जानिए जरुरी बातें
पिछले करीब तीन महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आंदोलन में तेजी लाने के लिए गुरुवार (18 फरवरी) को देशभर में रेल रोकने का आह्वान किया है। इसमें किसान विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर जाकर चार घंटे तक रेल रोकेंगे।इस दौरान ट्रेनों में सवार यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यह 6 फरवरी के 'चक्का जाम' के बाद बड़ा आह्वान है। आइए इसकी जरुरी बातें जानें।
किसान संयुक्त मोर्चा ने किया है देशव्यापी 'रेल रोकने' का आह्वान
किसान संयुक्त मोर्चा की तरफ से गत 10 फरवरी को 18 फरवरी को चार घंटे के लिए रेल रोकने का देशव्यापी आह्वान किया था। किसान मोर्चा ने कहा था कि किसानों के प्रति सरकार की दमनाकारी नीति के खिलाफ किसान एकजुट हो गए हैं और रेल रोको अभियान के तहत दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेल रोकेंगे। उस दौरान यह भी कहा गया था कि किसान कानून निरस्त कराकर ही दम लेंगे।
रेल रोकने नहीं जाएंगे गाजीपुर बॉर्डर के किसान- टिकैत
रेल रोको अभियान से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा धरना-प्रदर्शन पूर्व की तरह ही जारी रहेगा। रेल रोको आंदोलन के लिए धरना स्थल से कोई भी व्यक्ति नहीं जाएगा। क्षेत्रीय लोग सांकेतिक रूप से ट्रेनें रोकेंगे और ड्राइवर को माला पहनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी जगह पर ट्रेनों को बीच रास्ते में नहीं रोका जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए किसान रेलवे स्टेशनों पर ही ट्रेनों को रोकेंगे।
ट्रेनों में सवार यात्रियों को पिलाई जाएगी लस्सी- टिकैत
किसान नेता टिकैत ने कहा कि दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोकने के दौरान किसान यात्रियों की असुविधाओं को दूर करने का भी प्रयास करेंगे। इसके लिए किसानों ने तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि जाम में फंसने वाले यात्रियों को किसानों द्वारा पानी, लस्सी और नाश्ता दिया जाएगा। इसके अलावा यात्रियों को यह भी बताया जाएगा कि सरकार किसानों के साथ क्या कर रही है। ऐसे में वह भी किसानों के समर्थन में आगे आएं।
टिकैत ने किया पश्चिम बंगाल का दौरा करने का ऐलान
टिकैत ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में गर्मीयों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दौरा करेंगे। इस दौरान वह राज्य के किसानों से मुलाकात कर वहां की समस्याएं जानेंगे और उसके बाद केंद्र व प्रदेश सरकार से इस पर जवाब मांगेंगे।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा रेल रोको आंदोलन- संयोजक
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, "जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है, उस समय हमने चक्का जाम किया था। इसी प्रकार दिन में ट्रेनों में ट्रैफिक कम होता है। लंबी दूरी की ट्रेन ज्यादातर रात में चलती हैं।" उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो। रेल रोको आंदोलन का मकसद सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाना है।"
रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने की मजबूत तैयारी
रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने भी मजबूत तैयारी की है। इसके लिए राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवानों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है। इसी तरह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में RPF की 20 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। RPF के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार, कलक्टर और पुलिस अधीक्षक के सहयोग से स्थिति पर नजर रखी जाएगी।
रेवले ने किसानों से की शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील
रेलवे मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमारा पूरा फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया करने पर है। हम किसानों से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अपील करते हैं।" उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सुबह 11 बजे से रेल रोके जाने की सूचना मिल रही है। ऐसे में प्रयास रहेंगे कि स्थिति शांतिपूर्ण रहे और रेल यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।
रेल संचालन में बाधा डालना है अपराध
रेलवे एक्ट के तहत रेल संचालन में बाधा डालना दंडनीय अपराध है। इसमें ट्रेन पर किसी तरह का सामान फेंकने, पटरी को क्षतिग्रस्त करने पर दोषियों पर रेलवे ऐक्ट की धारा 150 के तहत उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इसी तरह पटरी पर कुछ रखकर या बैठकर ट्रेन रोकने पर धारा 174 के तहत दो साल जेल या 2,000 रुपये जुर्माना हो सकता है। रेल कार्य में बाधा डालने पर छह महीने की जेल हो सकती है।