उत्तर प्रदेश: शामली में जिला प्रशासन ने नहीं दी किसान महापंचायत की मंजूरी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के शामली में जिला प्रशासन ने 5 फरवरी को होने जा रही किसान महापंचायत की अनुमति को निरस्त कर दिया है और 3 अप्रैल तक किसी भी बड़ी जनसभा के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भैंसवाल गांव में होने जा रही इस महापंचायत को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और राष्ट्रीय जनता दल (RLD) ने बुलाया है। इन दोनों संगठनों ने कहा है कि प्रशासन के मंजूरी लेने से इनकार करने के बावजूद वे कल किसान महापंचायत करेंगे।
आदेश
जिले में धारा 144 लगाई गई
महापंचायत की अनुमति निरस्त करने वाले अपने बयान में इलाके के उप जिलाधिकारी (SDM) ने कहा है कि जिले में 4 फरवरी से 3 अप्रैल तक बड़ी सभाओं के आयोजन पर रोक रहेगी। प्रशासन ने गुड फ्राइडे, महाशिवरात्रि, होली और परीक्षाओं को अपने इस फैसले का आधार बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुमति निरस्त होने से आयोजकों में आक्रोश है और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिले में धारा 144 लगा दी गई है।
बदलती तस्वीर
राकेश टिकैत के आंसुओं ने फिर से जिंदा किया किसान आंदोलन
गौरतलब है कि 26 जनवरी की हिंसा के बाद कमजोर पड़े किसान आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने फिर से जिंदा कर दिया है।
दरअसल, 28 जनवरी को देर शाम उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य सुरक्षा बल गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने आए थे। हालांंकि टिकैत ने ऐसा करने से मना कर दिया और कैमरे पर ही रोने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा किसानों को मारने की साजिश कर रही है।
मामला
उत्तर प्रदेश के इलाकों में महापंचायत कर रहे हैं RLD और किसान यूनियन
राकेश टिकैत की इस भावुक अपील के बाद RLD और भारतीय किसान यूनियन ने लोगों को किसान आंदोलन के समर्थन में लामबंद करने के लिए 5 फरवरी और 18 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में महापंचायत करने की योजना बनाई है और इसी कड़ी में शुक्रवार को शामली में महापंचायत होनी है।
इस रैली में RLD के नेता जयंत चौधरी समेत कई बड़े नेता शामिल होने वाले हैं।
महापंचायत
उत्तर प्रदेश पर इन जगहों पर आयोजित हो चुकी है महापंचायत
इससे पहले बागपत के बड़ौत, मथुरा के बल्देव और मुजफ्फनगर में भी महापंचायत का आयोजन किया जा चुका है और इन महापंचायतों में हजारों लोग जुटे थे।
राकेश टिकैत का रोने का वीडियो वायरल होने के बाद मुजफ्फनगर में सबसे पहले महापंचायत बुलाई गई थी, जिसे टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने बुलाया था।
इन पंचायतों में लोगों को जरूरत पड़ने पर दिल्ली बॉर्डर के पास किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है।
हरियाणा
हरियाणा के जाट इलाकों में भी तेज हुआ आंदोलन
टिकैत की अपील का असर हरियाणा के जाटलैंड में भी देखने को मिला है और यहां भी कई जगहों पर महापंचायत हुई हैं। कल जींद में हुई ऐसी ही एक रैली में राकेश टिकैत खुद शामिल हुए थे और सीधे सरकार को चुनौती दी थी।
हजारों लोगों को इस महापंचायत में टिकैत ने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस ले लेना चाहिए और अगर युवा किसानों ने 'गद्दी वापसी' का नारा दे दिया तो दिक्कत हो जाएगी।