रघुराम राजन का बयान, राजनीति में आया तो छोड़ कर चली जाएंगी पत्नी
रघुराम राजन देश के सबसे चर्चित और पसंद किए जाने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर रहे हैं। यही कारण है कि उनके अक्सर राजनीति में आने की अटकलें लगती रहती हैं। हालांकि राजन खुद कई बार ऐसी किसी भी संभावना से मना कर चुके हैं। अब अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी बात को फिर से दोहराते हुए कहा है कि अगर वह राजनीति में आते हैं तो उनकी पत्नी उन्हें छोड़ कर चली जाएंगी।
राजन ने कहा, राजनीति मेरे बस की बात नहीं
बिजनस अखबर 'मिंट' को दिए इंटरव्यू में पूर्व RBI गवर्नर राजन ने कहा कि राजनीति में आने या खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने से उनकी पारिवारिक जिंदगी का कुछ भला नहीं होगा। उन्होंने बताया, "मेरी पत्नी मुझसे कह चुकी हैं कि अगर मैं राजनीति से जुड़ा तो वह मेरे साथ नहीं रहेंगी।" इस बीच उन्होंने कहा कि राजनीति हर जगह एक जैसी है और राजनीति करना उनके बस की बात नहीं है।
'मैं जहां हूं, वहां खुश'
इंटरव्यू में राजन ने स्पष्ट किया कि वह अपनी खुद की कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे। उन्होंने कहा, "मेरे विचारों के बारे में सबको पता है। मुझे राजनीति में कोई भी दिलचस्पी नहीं है। बिल्कुल भी नहीं।" कांग्रेस की सरकार बनने पर उनको वित्त मंत्री बनाए जाने के कयासों पर उन्होंने कहा कि वह जहां हैं, वहां खुश हैं। उन्होंने साफ किया कि उनका मुख्य काम सार्वजनिक जीवन में नहीं बल्कि शैक्षिक क्षेत्र में है और वह इससे खुश हैं।
सलाह देने को तैयार राजन
राजन ने राजनीति में आने से भले ही इनकार किया हो, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि वह किसी उपयोगी काम के लिए मदद करने में खुशी महसूस करेंगे। उन्होंने कहा, "कभी-कभी लोगों को सलाह चाहिए होती है और मैं यह देने को तैयार हूं।"
न्याय योजना पर कांग्रेस ने ली राजन से राय
बता दें कि चुनाव बाद कांग्रेस सरकार बनने पर राजन के वित्त मंत्री बनने की अटकलें तब और तेज हो गईं थीं, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी महत्वाकांक्षी 'न्याय योजना' के लिए राजन से सलाह ली थी। इस योजना में राहुल ने देश के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को सालाना 72,000 रुपये देने का वादा किया है। राजन ने योजना के लिए उनसे सलाह लिए जाने की पुष्टि की थी और इसे एक अच्छा प्रयास बताया था।
डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजनाओं को बताया अच्छा
अपने इस इंटरव्यू में भी न्याय योजना पर राय रखते हुए राजन ने कहा कि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की योजनाएं लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होती हैं। उन्होंने कहा, "NDA और UPA दोनों ने इस बात को माना है कि डायरेक्ट कैश ट्रांसफर गरीबी मिटाने और समुदायों को ज्यादा प्रत्यक्ष शक्ति देने में सहायक सिद्ध होता है।" हालांकि उनके नकारात्मक पहलुओं के बारे में चेताते हुए कहा कि इन्हें अच्छे से लागू किए जाने की जरूरत है।
राजन ने कहा, आर्थिक मोर्चे पर NDA और UPA समान
अपने इंटरव्यू में राजन ने यह भी कहा कि NDA और UPA की आर्थिक नीतियों में बहुत हद तक समानताएं हैं। GST, डायरेक्ट कैश ट्रांसफर, आधार जैसी योजनाओं को जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अगर आप इस सरकार में हुए सारे सुधारों पर गौर करें तो यह UPA से मिलते-जुलते हैं और नीतियों में निरंतरता है। सवाल यह है कि क्या यह एक अच्छी खबर है? नौकरियों की स्थिति हमें बताती है कि हमें तरीका बदलने की जरूरत है।"