राहुल गांधी- मोदी के 15 लाख रुपये के 'वादे' से आया न्यूनतम आय गारंटी का विचार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें न्यूनतम आय गारंटी योजना का विचार प्रधानमंत्री मोदी के 15 लाख देने के ऐलान से आया था। मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि अगर विदेश में जमा सारा कालाधन वापस देश वापस आ गया तो प्रत्येक व्यक्ति को 15-20 लाख रुपये मिल जाएंगे। हालांकि, विपक्ष यह दावा करता रहा है कि मोदी ने हर नागरिक को 15 लाख रुपये देने का वादा किया था।
राहुल ने कहा, मोदी ने 2-3 बार 15 लाख रुपये देने की बात कही
हरियाणा के यमुनानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, "मैंने नरेंद्र मोदी का वह भाषण देखा जिसमें उन्होंने हर भारतीय को 15 लाख रुपये देने का वायदा किया था। उन्होंने 2-3 बार 15 लाख रुपये देने की बात कही।" उन्होंने आगे कहा, "मैंने सोचा कि वह सही बात कह रहे हैं। पैसा सीधे गरीबों के बैंक खाते में जाने का विचार सही है। मैंने इस विचार को अपना लिया।"
'योजना पर खूब विचार विमर्श किया गया'
राहुल ने इस बीच साफ किया कि योजना पर खूब विचार किया गया है। उन्होंने बताया, "मैंने इसके बारे में कांग्रेस थिंक टैंक से सलाह ली और उनसे देश के गरीबों को मजबूत करने के लिए ठोस योजना बनाने को कहा।" उन्होंने कहा, "6 महीने तक इस पर विचार विमर्श करने के बाद अब हमारे पास न्याय (न्यूनतम आय योजना) है जिसमें देश के सबसे गरीब लोगों के बैंख खाते में हर साल 72,000 रुपये जमा किए जाएंगे।"
राहुल का दावा, योजना से हिला मोदी का आत्मविश्वास
इस बीच राहुल ने दावा किया कि उनकी योजना से मोदी का आत्मविश्वास हिल गया है। राहुल ने इस बीच कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने झूठ बोला था। मैं झूठ नहीं बोलता। मैंने हर गरीब परिवार को 72,000 रुपये देने का वादा किया है।" उन्होंने आगे कहा, " यह वादा इतना शक्तिशाली है कि इससे मोदी का आत्मविश्वास हिल गया है। आपने जब उन्हें 2 दिन पहले टीवी पर देखा तो आपने यह नोटिस किया होगा।"
क्या है राहुल की न्यूनतम आय गारंटी योजना?
बता दें कि राहुल ने हाल ही में ऐलान किया था कि अगर चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार आती है तो वह सुनिश्चित करेंगे कि देश के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों की महीने की न्यूनतम आय 12,000 रुपये हो। 'न्याय' नामक इस योजना में हर परिवार को सालाना 72,000 रुपये दिए जाएंगे। कांग्रेस का कहना है कि उसकी इस योजना से करीब 5 करोड़ परिवारों और 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
क्या 15 लाख की तरह यह वादा भी झूठा निकलेगा?
अगर राहुल के बयान के मुताबिक ही देखें तो मोदी का 15 लाख रुपये देने का ऐलान जुमला साबित हुआ। ऐसे में अहम सवाल यह है कि क्या राहुल का यह वादा भी केवल चुनाव में वोट हासिल करने के लिए किया गया है?