लोकसभा चुनाव: उम्मीदवार ने हलफनामे में दिखाया 1.76 लाख करोड़ रुपये कैश, 4 लाख करोड़ कर्ज
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जो चुनाव आयोग के लिए शर्मिंदगी का विषय बन गया है।
आयोग ने तमिलनाडु के एक ऐसे उम्मीदवार को नामांकन स्वीकार कर लिया, जिसने अपने पास 1.76 लाख करोड़ रुपये कैश दिखाए थे और विश्व बैंक का 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने की बात हलफनामे में लिखी थी।
यह चौंकाने वाला पूरा मामला क्या है, आइए जानते हैं।
हलफनामा
विश्व बैंक से 4 लाख करोड़ रुपये कर्ज भी लिया
दरअसल, जेबामणि जनता पार्टी के मोहनराज जेबामणि ने पेरम्बलूर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था।
उन्होंने अपने हलफनामे में खुद के पास 1.76 लाख करोड़ रुपये कैश में होने की जानकारी दी थी।
इसके अलावा उन्होंने खुद पर विश्व बैंक का 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी बताया था।
हालांकि, जेबामणि के पास सच में इतना पैसा नहीं है और उन्होंने यह झूठी जानकारी केवल चुनाव आयोग की कमियों को उजागर करने के लिए दी थी।
जानकारी
गलत जानकारियों के बावजूद चुनाव आयोग ने किया स्वीकार
हलफनामे में गलत जानकारियां देने के बावजूद भी चुनाव आयोग ने इसे स्वीकार कर लिया और इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात विश्व बैंक के कर्ज को लेकर रही क्योंकि विश्व बैंक किसी भी व्यक्ति को कर्ज नहीं देता है।
2G घोटाला
दोनों आंकड़ों का है ये महत्व
जेबामणि ने अपने हलफनामे में जो दोनों आंकड़ें लिखे हैं, उनका भी अपना एक महत्व है।
उन्होंने 1.76 लाख करोड़ रुपये का जो आंकड़ा लिखा है, वह बेहद चर्चित 2G घोटाले में घोटाले की कुल रकम से मेल खाता है।
घोटाले में तमिलनाडु के ही दो नेता ए राजा और कनिमोझी करुणानिधि मुख्य आरोपी हैं।
वहीं, विश्व बैंक से संबंधित 4 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा 2020 तक देश पर विश्व बैंक के कुल कर्ज के बारे में बताता है।
कारण
यूट्यूब पर वीडियो डालकर खुद किया खुलासा
जेबामणि ने 29 मार्च को यूट्यूब पर एक वीडियो भी डाला था, जिसमें उन्होंने गलत हलफनामा देने की बात मानी थी।
इस वीडियो में उन्होंने 2014 के चुनाव में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम द्वारा हलफनामे में गलत जानकारी दिए जाने की बात कही है।
उनके और दिल्ली के एक आयकर अधिकारी के शिकायत करने के बावजूद चुनाव आयोग ने कार्ति को नामांकन रद्द नहीं किया।
उन्होंने RTI और PIL भी दायर करने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे।
कार्रवाई
गलत हलफनामा दायर करना एक अपराध
जेबामणि का कहना है कि उन्होंने 1.76 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा केवल चुनाव आयोग को शर्मसार करने के लिए लिखा था और फॉर्म 26 यानि हलफनामा कूड़ा है।
उन्होंने कहा कि हलफनामे में गलत जानकारी देने को सिविल मामला बनाने का पीछे एकमात्र मकसद कार्ति को बचाना था।
बता दें कि गलत हलफनामा दायर करना अपराध है।
हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि चुनाव आयोग ने जेबामणि के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरु की है या नहीं।