खालिस्तानी अभियान को हवा दे रहा पाकिस्तान, कर रहा तीर्थयात्रा पर आने वाले सिखों की भर्ती
करतारपुर कॉरिडोर पर 14 जुलाई को होने वाली वार्ता से पहले पाकिस्तान की खालिस्तानी अभियान को फिर से जिंदा करने की कोशिशें भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। पाकिस्तान भारत से जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों को बहकाकर खालिस्तान के समर्थन में 'जनमत संग्रह 2020' अभियान में जान फूंकने का कार्य कर रहा है। विदेशों से आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को भी बहकाने की कोशिश की जा रही है।
सोशल मीडिया के जरिए जनमत संग्रह की बात फैला रहा था जासूस
दरअसल, 28 जून को फरीदकोट पुलिस ने 24 वर्षीय सुखविंदर सिंह सिद्धू को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर सिद्धू मोगा सैन्य छावनी के पास रहने लगा था और भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी सीमा पार पहुंचाता था। वह सोशल मीडिया के जरिए पंजाबी सिखों में जनमत संग्रह के विचार को भी फैला रहा था।
तीर्थयात्रा के दौरान की थी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने भर्ती
'हिंदुस्तान टाइम्स' के अनुसार, पूछताछ के दौरान सिद्धू ने बताया कि वह नवंबर 2015 में गुरु पर्व उत्सव के लिए पाकिस्तान के सिख तीर्थस्थलों के यात्रा पर गए जत्थे का हिस्सा था। उसी दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने उससे संपर्क साधा और उसे जासूसी का काम किया। उससे पहले तलवेंदर सिंह (2013), सुखप्रीत कौर और सूरज पाल सिंह (2012), नायब सिंह और भोला सिंह (2009) को भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
कुछ सिख युवाओं को दी जाती है हथियारों की ट्रेनिंग
इन सभी की पूछताछ में भी तीर्थ यात्रा के दौरान भर्ती की बात सामने आई। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां जत्थों में शामिल सीधे-सादे सिख युवाओं को न केवल जासूसी बल्कि भारत के पंजाब में आतंकी हमला करने के लिए भी उत्साहित करते हैं और कुछ को हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है। इसलिए करतारपुर कॉरिडोर शुरू होने के बाद सावधानी बरतते हुए भारत गुरुद्वारा दरबार साहिब आने वाले तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग करेगा।
द्विपक्षीय समझौते को तोड़ रहा है पाकिस्तान
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत से हर साल पाकिस्तान जाने वाले 4 सिख जत्थों की यात्रा को उपयोग पाकिस्तान जासूसों की भर्ती के लिए कर रहा है और ये धार्मिक तीर्थस्थलों की यात्रा संबंधी प्रोटोकॉल, 1974 का उल्लंघन है।
विदेशों से आने वाले तीर्थयात्रियों को भी पढ़ाया जा रहा खालिस्तान का पाठ
एक वरिष्ठ राजनयिक ने बताया कि पाकिस्तान भर्ती के लिए न केवल भारतीय सिख जत्थों को निशाना बना रहा है, बल्कि कनाडा, UK और जर्मनी से सीधे पाकिस्तान आने वाले सिखों को भी तथाकथित जनमत संग्रह का पाठ पढ़ा रहा है। उनके अनुसार, जनमत संग्रह का ये पूरा अभियान पाकिस्तान की फंडिंग से चल रहा है। राजनयिक ने बताया कि द्विपक्षीय बैठकों में पाकिस्तान के सामने ये मुद्दा बार-बार उठाया गया है।
1980-90 के खालिस्तानी आतंकवाद के पीछे भी था पाकिस्तान का हाथ
बता दें कि 1980-90 के दशक में पंजाब में फैले खालिस्तानी आतंकवाद के पीछे भी पाकिस्तान का हाथ था। स्वर्ण मंदिर पर कब्जा करने वाले कट्टरपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले के सीधे पाकिस्तान के हाथों में खेलने की बात कही जाती है।