पंजाब: मदद करने पर पड़ोसी ने दांतों से काट डाली शख्स की जीभ
क्या है खबर?
जब भी किसी व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के साथ झगड़ा होता है तो अक्सर बहस के बाद हाथापाई पर बात आ जाती है, लेकिन पंजाब में झगड़े के दौरान एक पड़ोसी ने अपने दांतों से एक शख्स की जीभ ही काट डाली।
इसके बाद पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जीभ वापस नहीं जुड़ पाई।
मामले में पीड़ित के पिता ने आरोपियों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराया है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
यह पूरी घटना शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि डेराबस्सी में हरिकृष्ण स्कूल के पास हुई।
27 वर्षीय हरप्रीत सिंह और उनके दोस्त मोहम्मद आसिफ अपने एक दोस्त जंग बहादुर की बहन की शादी से वापस लौट रहे थे और घर के पास एक पार्क के सामने उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल रोक दी और वॉशरूम चले गए।
इसी बीच हरप्रीत के पड़ोसी विपुल गर्ग अपनी कार लाकर आए और पार्क हो रखी दूसरी कार को टक्कर मार दी।
घटना
विपुल ने अपने दांतों से काटी हरप्रीत की जीभ
इस पर हरप्रीत ने विपुल को बचाने के लिए कहा कि वह वहां से चला जाए क्योंकि किसी ने भी उसे कार को टक्कर मारते हुए नहीं देखा है।
इसी बात पर विपुल और उनके अज्ञात दोस्त नाराज हो गए और हरप्रीत और उनके बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि विपुल ने अपने भाई ऋषव गर्ग को बुला लिया।
देखते-देखते तीनों ने हरप्रीत को मारना शुरू कर दिया और फिर विपुल ने अपने दांतों से हरप्रीत की जीभ काट डाली।
इलाज
हरप्रीत को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर करते गए डॉक्टर
घटना के बाद मोहम्मद आसिफ हरप्रीत को डेराबस्सी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें JMCH-32 रेफर कर दिया।
यहां के डॉक्टरों ने भी हरप्रीत की गंभीर हालत को देखकर उन्हें PGI रेफर कर दिया, लेकिन यहां डॉक्टरों ने तीन दिन बाद इलाज शुरू करने की बात कही।
इसके बाद हरप्रीत के परिजन और उनके दोस्त उन्हें पंचकुला के सेक्टर-21 के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया, लेकिन उनकी कटी जीभ जोड़ नहीं पाए।
कार्रवाई
पीड़ित के पिता ने आरोपियों के खिलाफ थाने में दर्ज कराई शिकायत
इस पूरे मामले में हरप्रीत के पिता देशराज ने पंजाब पुलिस के डेराबस्सी थाने में विपुल गर्ग, ऋषव गर्ग और उनके अज्ञात दोस्तों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
डेराबस्सी के थाना प्रभारी (SHO) जसकनवाल सिंह ने मामले पर कहा, "दो गुटों के बीच हुए झगड़े को लेकर हमने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323, 325, 341, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।"