पंजाब: ड्रग तस्कर के पास मिला पुलिस हिरासत में रखा गया हथियार, उठे कई सवाल
पंजाब के भठिंडा में एक ड्रग तस्कर के पास से मिले हथियारों ने पुलिस के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है। दरअसल, तस्कर के पास से जो हथियार मिले हैं, वो पुलिस ने जब्त किए हुए थे और इन हथियारों को पुलिस की हिरासत में होना था। जांच में पता चला कि जब्त किए गए हथियारों में से दो हथियार भगता भाई का पुलिस थाने से गायब हो गए और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
तस्कर के पास मिला दूसरे मामले में जब्त हुआ पिस्तौल
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 27 मई को पंजाब पुलिस ने ऋतिक खन्ना को गिरफ्तार कर उसके पास से 32,000 रुपये की नकदी, एक पिस्तौल और कुछ नशा बरामद किया था। खन्ना के पास से मिले RP 217609 GSF-IN-2016 नंबर के .32 बोर पिस्तौल को भगता भाई का थाना पुलिस ने जब्त किया था। बाद में जब क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इसकी जांच की तो पता चला है कि यह पिस्तौल इस थाना क्षेत्र में रहने वाले प्रीतम सिंह का है।
हाई कोर्ट के आदेश पर जमा हुआ था पिस्तौल
जांच में पता चला कि प्रीतम सिंह स्थानीय पत्रकार हैं, जिनके खिलाफ 21 मार्च, 2020 को हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ था। सिंह ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की और गिरफ्तारी से बच गए। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें अपने हथियार पुलिस थाने में जमा कराने के आदेश दिए थे। सिंह ने जिस नंबर का पिस्तौल थाने में जमा कराया था, उसी नंबर का एक पिस्तौल अब ड्रग तस्कर खन्ना के पास मिला है।
प्रीतम सिंह ने जताई हैरानी
अब पुलिस ने कहा है कि 27 मई के मामले में उसने खन्ना के सहयोगी साहिल कुमार को मुख्य आरोपी बनाया है, जो पकड़ से बाहर है। उसकी गिरफ्तारी के बाद हथियार के स्त्रोत को लेकर कुछ जानकारी मिल सकती है। वहीं प्रीतम सिंह ने इस पूरे वाकये पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है। उन्होंने सवाल उठाया कि पंजाब पुलिस की हिरासत में रखा पिस्तौल ड्रग्स तस्करों तक कैसे पहुंच सकता है?
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
यह पहली बार नहीं है, जब भगता भाई का पुलिस थाने से जब्त किए हथियार गायब हुए हैं। इससे पहले कोठा गुरु का के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि पुलिस के पास जमा कराए गए उसके हथियार गायब हो गए हैं।
दूसरा मामला क्या है?
इस मामले के शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले अपने हथियार भगता भाई का पुलिस थाने में जमा कराए थे। चुनाव संपन्न होने के बाद जब वह हथियार लेने के लिए थाने पहुंचे तो उन्हें एक डिब्बा दे दिया गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने डिब्बा खोलकर देखा तो पता चला कि यह वह पिस्तौल नहीं है, जो उन्होंने जमा करवाया था। अब पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।