रद्द हुई थी उड़ान, एयर इंडिया को मिला यात्री को 2.15 लाख रुपये देने का आदेश
चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम ने एयर इंडिया को एक डॉक्टर को 2.15 लाख रुपये चुकाने का आदेश दिया है। दरअसल, एयर इंडिया ने चंडीगढ़ को रहने वाले एक डॉक्टर को उड़ान के लिए घंटों का इंतजार करवाया था। इसके बाद कंपनी ने उन्हें रोड के जरिए चंडीगढ़ जाने को कहा। हालांकि, डॉक्टर ने रोड से जाने की बजाय 4,025 रुपये देकर जेट एयरवेज से अपनी यात्रा पूरी की। आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
डॉक्टर को 2.15 लाख रुपये देने का आदेश
दरअसल, PGI चंडीगढ़ में तैनात प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह ने एयर इंडिया की तीन टिकटें बुक कराई थी, लेकिन एयर इंडिया का विमान तकनीकी खामी के कारण दिल्ली से चंडीगढ़ की उड़ान नहीं भर पाया। इस टिकट की कीमत 4,025 रुपये थी। कंज्यूमर फोरम ने एयर इंडिया को इस टिकट की कीमत, मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के मुआवजे के तौर पर 2 लाख रुपये और मुकदमे पर खर्च के लिए 11,000 हजार रुपये डॉक्टर को देने का आदेश दिया है।
घंटो इंतजार करवाकर रद्द की फ्लाइट
यह मामला पिछले साल सितंबर का है। वीरेंद्र की दिल्ली से चंडीगढ़ तक की उड़ान थी। लगभग एक घंटे तक विमान में यात्रियों को इंतजार करने के बाद कहा गया कि यह विमान सुबह 6.30 बजे उडा़न भरेगा। फिर घंटों तक इंतजार करने के बाद यात्रियों से कहा गया कि नए बोर्डिंग पास जारी किए जाएंगे। दोपहर 12.30 बजे तक विमान ने उड़ान नहीं भरी। इसके बाद बिना कारण बताए यात्रियों को विमान से उतार दिया गया।
वीरेंद्र ने किया एयर इंडिया के खिलाफ मुकदमा
कोई दूसरा विकल्प नहीं मिलने पर वीरेंद्र ने जेट एयरवेज की टिकट खरीदी और चंडीगढ़ पहुंचे। नवंबर, 2018 में उन्होंने एयर इंडिया के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी और कहा कि उन्होंने मानसिक उत्पीड़न से गुजरना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उनके लेट होने की वजह से मरीजों के इलाज पर प्रभाव पड़ा और उनसे मिलने वाले मरीजों की अपॉइंटमेंट रद्द करनी पड़ी। इसके जवाब में एयर इंडिया ने अपना पक्ष पेश किया।
एयर इंडिया ने अपने पक्ष मे कही ये बातें
एयर इंडिया ने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण विमान उड़ान नहीं भर पाया था। इसलिए यह फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी। एक दूसरा विमान बिल्कुल उसी समय दूसरी जगह से आया था। उसकी पूरी तरह से जांच नहीं हुई थी। उस समय कोई और विमान मौजूद नहीं था। एयर इंडिया ने कहा कि जब शिकायतकर्ता से दूसरे यात्रियों के साथ कैब शेयर करने को कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। वो जेट एयरवेज की फ्लाइट लेकर चंडीगढ़ पहुंचे।
अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती एयर इंडिया- फोरम
दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने कहा कि एयर इंडिया ने कहा कि विमान में तकनीकी गड़बड़ी थी, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किए हैं। वहीं कैब शेयर करने से मना करने के दावे पर फोरम ने कहा कि एयर इंडिया ने इस मामले में भी अपने दावे को पुख्ता करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है। फोरम ने कहा कि केवल बातें कर एयर इंडिया अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।