MDH ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में निधन
क्या है खबर?
देश की दिग्गज मसाला कंपनी महाशिया दी हट्टी (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को 98 साल की उम्र में निधन हो गया।
गत दिनों कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। उनका दिल्ली के माता चंदन देवी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था, लेकिन सुबह करीब 6 बजे हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया।
उनके निधन की खबर से पूरे व्यापार और उद्योग जगत में शोक की लहर है।
ट्वीट
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी जानकारी
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुबह ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी।
उन्होंने ट्वीट किया, 'देश के प्रमुख प्रेरणादायक उद्योगपति और MDH ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज सुबह निधन हो गया है। उन्होंने उनके जैसी प्रेरणादायी और पवित्र आत्मा नहीं देखी थी। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'
बता दें कि धर्मपाल गुलाटी ने अपनी मेहनत और लगने दम पर ही कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाया था।
दुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी निधन पर जताया दुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुलाटी के निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं जाहिर की हैं।
सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुख की अनुभूति हुई है। छोटे व्यवसाय से शुरू करने बावजूद उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई। वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय थे और अंतिम समय तक सक्रिय रहे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।'
जानकारी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निधन पर जताया शोक
महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'धर्मपाल जी बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। उन्होंने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया। उनकी आत्मा को शांति मिले।'
आगमन
बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आया था गुलाटी का परिवार
महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। वह सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़े हुए थे। कंपनी की शुरुआत उनके पिता ने एक छोटी दुकान से की थी।
हालांकि 1947 में देश के बंटवारे के समय उनका परिवार दिल्ली आ गया था। दिल्ली पहुंचने के बाद धर्मपाल ने 650 रुपये में एक तांगा (घोड़ा गाड़ी) खरीदा। जिसमें वह कनॉट प्लेस और करोल बाग के बीच यात्रियों को ले जाते थे।
व्यापार
तांगा बेचकर खोली मसाले की दुकान
धर्मपाल ने 1953 में तांगा बेचकर अजमल खां रोड पर 'सियालकोट देगी मिर्च वालों की महाशय दी हट्टी' के नाम से मसाले की दुकान खोल ली। इसके बाद 1959 में कंपनी को MDH के रूप से आधिकारी रूप से स्थापित किया था।
इस दुकान से मसाले का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों में तैयार MDH मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं। कंपनी के कुल 62 प्रॉडक्ट्स हैं।
सफलता
2016 में FMCG सेक्टर में सबसे अधिक वेतन पाने वाले CEO बने 'दादाजी'
दादाजी और महाशयजी के नाम से भी मशहूर रहे गुलाटी वित्त वर्ष 2016 में 21 करोड़ रुपये के वेतन के साथ FMCG सेक्टन में सबसे अधिक वेतन पाने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बने थे।
उस समय उनका वेतन गोदरेज कंज्यूमर के आदि गोदरेज और विवेक गंभीर, हिंदुस्तान यूनिलीवर के संजीव मेहता और ITC के वाईसी देवेश्वर से भी अधिक था। 2017 की ET की रिपोर्ट के अनुसार उनकी अपनी कंपनी में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
जानकारी
पद्मविभूषण से हो चुके हैं सम्मानित
व्यापार और उद्योग खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल ही महाशय धर्मपाल गुलाटी को देश के सबसे बड़े सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। यह उनके जीवन की बड़ी उपलब्धि थी।
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खुद करते थे कंपनी के मसालों का विज्ञापन
बता दें कि धर्मपाल गुलाटी अपने उत्पादों का विज्ञापन खुद ही करते थे। अक्सर आपने उन्हें टीवी पर अपने मसालों के बारे में बताते देखा होगा।
उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज विज्ञापन स्टार माना जाता था। इतना ही नहीं उन्होंने व्यापार के साथ कई ऐसे काम भी किए हैं, जो समाज के लिए काफी मददगार साबित हुए।
इसमें अस्पताल, स्कूल आदि बनवाना आदि शामिल है। वह अभी तक 20 से ज्यादा स्कूल खोल चुके हैं।