पंजाब ने पटाखों पर रोक लगाने से किया इनकार, कहा- हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर
बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन पंजाब ने ऐसा करने से मना कर दिया है। पंजाब ने यह कहते हुए पटाखों की बिक्री और उपयोग को जारी रखने का फैसला किया है कि राज्य में हवा की गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। पंजाब में पटाखा उद्योग 175 करोड़ रुपये का है और राज्य सरकार का यह फैसला इसके लिए राहत बनकर आया है।
हवा की गुणवत्ता संतोषजनक, प्रतिबंध की जरूरत नहीं- सरकार
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) को भेजे जवाब में पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य के नॉन-अटैनमेंट शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) संतोषजनक स्तर पर रहा है इसलिए यहां पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। NGT ने इन शहरों में पटाखों की बिक्री रोकने के मामले में पंजाब को नोटिस भेजा था। बता दें, नॉन-अटैनमेंट शहरों में वो शहर शामिल हैं, जहां हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है और इसे सुधारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
NGT चाहे तो लगा सकता है बैन- पंजाब
पंजाब सरकार ने अपने जवाब में कहा कि राज्य ने इस मामले पर विचार किया और पाया कि अमृतसर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, पटियाला, जालंधर और खन्ना आदि शहरों में हवा की गुणवत्ता जनवरी और फरवरी में मध्यम, मार्च-जुलाई तक संतोषजनक, अगस्त में अच्छी, सितंबर में संतोषजनक और अक्टूबर में मध्यम रही है। हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि अगर NGT पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है तो पंजाब ऐसा करने को तैयार है।
NGT ने नोटिस में क्या कहा था?
NGT ने 4 नवंबर को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस भेजकर पूछा था कि हवा के खराब स्तर को देखते हुए क्या 7 से 30 नवंबर तक पटाखे बैन किए जा सकते हैं? NGT को इस पर फैसला लेना है कि जिन राज्यों में हवा का स्तर 'खराब' की कैटेगरी में पहुंच चुका है क्या वहां पटाखे प्रतिबंधित कर देने चाहिए? सभी राज्यों को जवाब देने के लिए 6 नवंबर तक का समय दिया गया था।
राज्य में तय किया आतिशबाजी का समय
हालांकि, पंजाब सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया है, लेकिन उनसे पटाखे जलाने का समय निर्धारित कर दिया है। अधिसूचना के तहत पंजाब में लोग दिवाली के दिन रात 8-10 बजे, गुरुपर्व पर सुबह 4-5 बजे और रात को 9-10 बजे, क्रिसमस पर 1:55 बजे से लेकर रात के 12:30 बजे और इसी तरह नववर्ष की पूर्व संध्या पर 1:55 बजे से लेकर रात के 12:30 बजे तक पटाखे जला सकेंगे।
हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में पटाखों पर पाबंदी
पंजाब सरकार भले ही पटाखों पर प्रतिबंध को जरूरी नहीं समझ रही, लेकिन उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजधानी चंडीगढ़ और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने पाबंदी का ऐलान कर दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि प्रदूषण से बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दीवाली पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर बैन लगाया है। उन्होंने कहा कि पटाखों के कारण वायु प्रदूषण अधिक बढ़ता है। ऐसे में इसे रोका जाना चाहिए।
ये राज्य लगा चुके हैं प्रतिबंध
बता दें कि हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से पहले राजस्थान, ओडिशा, सिक्किम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आदि राज्य भी पटाखों की ब्रिकी और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार ने चाइनीज और विदेशी पटाखों के भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने दीवली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर राज्य के लोगों से दीवाली पर प्रदूषण से बचने के लिए पटाखें नहीं जलाने की अपील की है।