कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद घाटी में कई जगह प्रदर्शन, पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी
क्या है खबर?
गुरुवार को बडगाम में हुई एक कश्मीरी पंडित की हत्या के जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
विभिन्न विभागों में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों ने सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाती है तो वो बड़ी संख्या में इस्तीफा सौंपेंगे।
घटना के विरोध में मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले दागे।
घटना
तहसीलदार के ऑफिस में घुसकर आतंकियों ने मारी गोली
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर एक कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या कर दी थी। राहुल राजस्व विभाग में काम करते थे।
पुलिस ने अनुसार, दोपहर में दो आतंकी चदूरा स्थिति तहसीलदार के दफ्तर में घुसे और बेहद करीब से राहुल को गोली मार दी। गंभीर स्थिति में उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ट्विटर पोस्ट
प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागती हुई पुलिस
#WATCH Police fire tear gas shells at protestors to prevent them from moving towards the Airport Road in Budgam during their protest demonstration against the recent killings of Kashmiri Pandits in the Union Territory pic.twitter.com/EPHvomqH9j
— ANI (@ANI) May 13, 2022
मांग
परिवार ने की जांच की मांग
राहुल के परिवार ने उनकी हत्या की जांच की मांग की है। उनके पिता बीटा भट ने कहा कि उनके बेटे ने सरकार के लिए जान दी है।
वहीं राहुल की पत्नी ने कहा, "वो कहते थे कि सब उनसे अच्छे से पेश आते हैं और कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। फिर भी किसी ने उनकी रक्षा नहीं की। आतंकियों ने जरूर किसी से उनके बारे में पूछा होगा नहीं तो उन्हें कैसे पता चलता।"
आरोप
पिता बोले- सुरक्षा देने में नाकाम रही है सरकार
राहुल के पिता ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को डिप्टी कमिश्नर के घुसकर मार दिया जाता है तो घाटी में कोई सुरक्षित नहीं है। यह सरकार की नाकामी का उदाहरण है। नौकरी करने वाले कश्मीर पंडित खुद को जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं और सरकार उनको सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है।
आज सुबह राहुल को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटी भारी भीड़ के बीच उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
जानकारी
पुलिस ने रोका कश्मीरी पंडितों का मार्च
राहुल के घर पर जुटे कश्मीर पंडितों का कहना है कि सरकार पुनर्वास के नाम पर युवा कश्मीर हिंदुओं को बलि का बकरा नहीं बना सकती है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उनका घाटी में फिर से बसने का सपना चकनाचूर कर दिया है।
कश्मीरी पंडितों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन निकालने का फैसला किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। राजनीतिक दलों ने पुलिस के इस कदम की निंदा की है।
जमीनी हालात
कश्मीर में अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
कश्मीर में पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले महीने की शुरुआत में आतंकियों ने शोपियां जिले में एक दवा विक्रेता कश्मीरी पंडित को गोली मार दी थी। इलाज के बाद उसे बचा लिया गया था।
इस हमले से कुछ घंटे पहले ही पुलवामा में आतंकियों ने गोली मारकर दो प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी थी। उन्हें भी घायलवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
कश्मीर
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि अक्टूबर, 2021 में भी आतंकियों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया था और कम से कम नौ अल्पसंख्यकों की हत्या की थी।
अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में आतंकियों ने महज 48 घंटे के अंदर दो शिक्षकों सहित पांच लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70) और लाल बाजार में रेहड़ी लगाने वाले बिहार के निवासी वीरेंद्र पासवान आदि शामिल थे।
इसके बाद चार मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।