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जम्मू-कश्मीर: आतंकी संगठन ULF ने ली कुलगाम में प्रवासी मजदूरों पर हमले की जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर में हमले के बाद शुरू हुआ प्रवासी मजदूरों का पलायन।

जम्मू-कश्मीर: आतंकी संगठन ULF ने ली कुलगाम में प्रवासी मजदूरों पर हमले की जिम्मेदारी

Oct 18, 2021
05:31 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और प्रवासी मजदूरों पर जानलेवा हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार शाम को आतंकियों ने कुलगाम जिले में दो गैर-कश्मीरी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि एक अन्य को घायल कर दिया। पिछले दो सप्ताह में आतंकियों द्वारा की गई यह दसवीं हत्या है। आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू-कश्मीर ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए इसे प्रतिशोध करार दिया है।

पृष्ठभूमि

आतंकियों ने 48 घंटों में की थी पांच नागरिकों की हत्या

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अब आतंकियों द्वारा आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह आतंकियों ने महज 48 घंटों में ही दो शिक्षकों सहित पांच लोगों की हत्या की थी। आतंकियों ने जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70), लाल बाजार में रेहड़ी लगाने वाले बिहार के भागलपुर निवासी वीरेंद्र पासवान, बांदीपोरा में सूमो ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शाफी, प्रधानाध्यापक सतिंदर कौर और शिक्षक दीपक कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

पुनरावृत्ति

आतंकियों ने पिछले दो दिनों में की चार मजदूरों की हत्या

आतंकियों ने शनिवार को फिर से श्रीनगर के ईदगाह इलाके में बिहार के बांका निवासी अरविंद कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। वह इलाके में गोलगप्पे का ठेला लगाता था। उसके कुछ ही देर बाद पुलवामा मजदूरी करने वाले उत्तर प्रदेश के सहारपुर निवासी सगीर अहमद को गोली मार दी। इसी तरह रविवार को कुलगाम के वानपोह में एक घर में घुसकर गोलीबारी करते हुए बिहार निवासी राजा रेशी देव, जोगिंदर रेशी देव की हत्या कर दी।

जिम्मेदारी

आतंकी संगठन ULF ने ली हमले की जिम्मेदारी

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कुलगाम में किए गए इस हमले की जिम्मेदारी यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट (ULF) जम्मू एंड कश्मीर और कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स ने ली है। ULF की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'हिंदुत्व ताकतों द्वारा पिछले एक साल में केवल बिहार में 200 मुसलमानों की हत्या की गई है। ये हमले उसके प्रतिशोध के रूप में किए गए हैं। बिहार में पिछले साल हुई 200 मॉब लिंचिंग की घटना का कोई रिकॉर्ड नहीं है।'

बयान

ULF के प्रवक्ता ने हमले को बताया जवाबी कार्रवाई

ULF के प्रवक्ता उमर वानी ने कहा, "जैसा कि पहले ही सभी गैर स्थानीय लोगों को हमारी जमीन छोड़ने या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई थी। यह भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के खिलाफ जवाबी हमला है।" उन्होंने कश्मीर में डेरा डाले बाहरी लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, "सभी बाहरी लोग जल्द से जल्द कश्मीर से चले जाएं अन्यथा उनके साथ भी ऐसा ही किया जाएगा।"

अन्य

"गैर कश्मीरियों को बसाने पर भुगतने होंगे गंभीर परिणाम"

कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के संगठन ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गैर स्थानीय लोगों के भारतीय एजेंसियों के संपर्क में होने की बात कही है। संगठन ने केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर कश्मीर की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ और गैर स्थानीय लोगों को यहां बसाया गया तो इसके परिणाम खतरनाक होंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी सुरक्षा एजेंसियों की ही होगी।" इस चेतावनी के बाद से लोगों का पलायन तेज हो गया है।

एडवाइजरी

पुलिस ने झाड़ा एडवाइजरी से पल्ला

कुलगाम में प्रवासी मजदूरों पर हमले की घटना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक एडवाइजरी सामने आई थी। जिसमें दूसरे राज्यों के मजदूरों को अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या सेना के कैंप में जाने के लिए कहा गया था। हालांकि, बाद में पुलिस ने इस तरह की कोई भी एडवाइजरी जारी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस और सेना ने कई स्कूलों में एकत्र किए गए प्रवासी मजदूरों को अपने हाल पर छोड़ दिया। इससे हालत बिगड़ गए।