शीतकालीन सत्र में संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को नहीं लिया गया है वापस- किसान नेता
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है, लेकिन किसान नेताओं ने अभी भी अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान नहीं किया है।
ऐसे में अभी भी आंदोलन के खत्म होने पर संशय की स्थिति बनी हुई है।
इसी बीच शनिवार को किसान नेताओं ने कहा है कि शीतकालीन सत्र में संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को वापस नहीं लिया गया है और इस पर जल्द निर्णय किया जाएगा।
बयान
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया जाएगा अंतिम निर्णय- दर्शन पाल
इंडिया टुडे के अनुसार, किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के सदस्य दर्शन पाल ने कहा, "संसद तक ट्रैक्टर मार्च का हमारा आह्वान अभी भी बरकरार है। आंदोलन के भविष्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दों पर अंतिम निर्णय रविवार को सिंघू बॉर्डर पर होने वाली SKM की बैठक में किया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "किसान पिछले एक साल से एकजुटता से आंदोलन कर रहे हैं और अब एकजुटता से ही आगे का निर्णय किया जाएगा।"
निर्णय
कानूनों की वापसी तक बॉर्डर पर डटे रहेंगे किसान- सिंह
किसान नेता और भारतीय किसान संघ (उगराहन) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहन ने टिकरी बॉर्डर पर कहा, "ट्रैक्टर मार्च अभी तक वापस नहीं लिया गया है। इस पर रविवार को SKM की कोर कमेटी की बैठक के बाद फैसला होने की संभावना है।"
उन्होंने कहा, "जब तक केंद्र संसद में इन कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं करती है तब तक किसान टिकरी और अन्य बॉर्डर पर जमे रहेंगे। किसान संघ लगातार बैठक कर रहे हैं।"
भरोसा
केंद्र की घोषणा पर नहीं किया जा सकता है भरोसा- गोयत
टिकरी बॉर्डर के एक अन्य किसान नेता और SKM के सदस्य सुदेश गोयत ने कहा, "किसान कृषि कानूनों पर केंद्र पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। इसका कारण है कि केंद्र ने पहले भी 'वन रैंक, एक पेंशन' देने की घोषणा की थी, लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं की गई है।"
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के पुराने रवैये को देखते हुए हमने कृषि कानूनों की संसद में वापसी तक आंदोलन स्थल नहीं छोड़ने का निर्णय किया है।"
पृष्ठभूमि
किसानों ने किया था ट्रैक्टर मार्च का ऐलान
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर SKM ने 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में प्रतिदिन संसद तक ट्रैक्ट मार्च निकालने का ऐलान किया था।
इसके तहत प्रतिदिन 500 किसान ट्रैक्टरों के जरिए संसद तक जाएंगे और मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
SKM और अन्य किसान संगठनों की ओर से इसकी जोर-शोर से तैयारियां भी की जा रही थी।
ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को किया था कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को यानी गुरु नानक देव की 552वीं जयंती पर देश के नाम संबोधन करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार छोटे किसानों के कल्याण के लिए सत्यनिष्ठा से कानून लेकर आई थी, लेकिन यह बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।"
उन्होंने कहा, "29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।"