केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिवाली का तोहफा मिला, 3 प्रतिशत बढ़ा महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को दीवाली का तोहफा दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते (DA) में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने को मंजूरी दे दी गई है। ऐसे में अब एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का फायदा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है।
अब कर्मचारियों को पेंशनर्स को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा अब तक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था, लेकिन इस बढ़ोतरी के बाद यह 31 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। कर्मचारियों को इसके भुगतान के लिए केंद्र सरकार के कोष पर सालाना 9,488.70 करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले का 47.14 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 68.62 लाख पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा।
कब से मिलेगा बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता?
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया कि सरकार ने जुलाई में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते तथा महंगाई राहत (DR) दर में 11 प्रतिशत का इजाफा किया था। उससे महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत पर पहुंच गया था। इससे सरकार पर 34,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आया था। अब सरकार ने महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत का और इजाफा किया है। कर्मचारियों को 1 जुलाई, 2021 से इसका भुगतान किया जाएगा।
कैसे की जाती है महंगाई भत्ते की गणना?
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में साल में दो बार इजाफा होता है। अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपये है तो उसे महंगाई भत्ते के तौर पर अभी 8,400 रुपये मिल रहे हैं। यह रकम मूल वेतन का 28 प्रतिशत है। महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत का इजाफा होने के बाद बाद कर्मचारी को 9,300 रुपये मिलेंगे। यानी इसमें 900 रुपये का इजाफा होगा। मूल वेतन बढ़ने से महंगाई भत्ते की कुल रकम में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के क्रियान्वयन को मंजूरी मिली
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के क्रियान्वयन को भी मंजूरी दी गई है। इसकी निगरानी थ्री-टीयर सिस्टम से की जाएगी और इसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर को इसकी शुरुआत की थी। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है। जिसके द्वारा करीब 100 लाख करोड़ के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी।