सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर कोविशील्ड और कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स की समीक्षा करेगी सरकारी समिति
दुनिया के कई देशों में एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड) से खून के थक्के जमने की शिकायतें आने के बाद भारत सरकार सचेत हो गई है। देश में वैक्सीन के बाद के प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखने वाली शीर्ष सरकारी समिति ने कहा है कि वह इन शिकायतों के बीच कोविशील्ड और कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स के आंकड़ों की विस्तृत समीक्षा करेगी। समीक्षा में इन वैक्सीन्स से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं का विश्लेषण किया जाएगा।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से खून के थक्के जमने की आ रही शिकायतें
बुधवार को यूरोपीय मेडिसीन्स अथॉरिटी (EMA) ने कहा था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के दुर्लभ लक्षणों में खून के थक्के जमना शामिल हैं। EMA ने पाया था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के कारण दिमाग की नसों, पेट और धमनियों में खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है। इसी तरह की शिकायतें आने के बाद इंग्लैंड ने भी वैक्सीन को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किेए थे। अब भारत सरकार भी ऐसी समीक्षा करने जा रही है।
एक हफ्ते तक चलेगी समीक्षा
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इंग्लैंड और यूरोप की तर्ज पर वैक्सीनेशन के बाद के प्रतिकूल प्रभावों पर बनी शीर्ष सरकारी समिति लगभग 19,500 हल्के मामलों की समीक्षा करेगी। इनमें 400 वो गंभीर प्रतिकूल मामले भी शामिल होंगे, जिनकी एक बार पहले समीक्षा हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, यह समीक्षा लगभग एक हफ्ते तक चलेगी और इसमें वैक्सीन से खून के थक्के जमने के मामलों पर खास ध्यान दिया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर जारी हो सकती है एडवाइजरी
सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक समीक्षा में कुछ लोगों में कम प्लेटलेट्स के मामले पाए गए थे और ये बहुत कम मामले थे। इस बात की जांच हो रही है कि क्या प्लेटलेट्स में ये कमी वैक्सीन की वजह से आई थी। हर चीज को वैज्ञानिक नजरिये से परखा जा रहा है। उन्होंने आगे कि अगर जरूरत पड़ी तो इंग्लैंड और यूरोप की तरह भारत में भी वैक्सीन को लेकर एडवाइजरी जारी की जा सकती है।
अभी तक भारत में दर्ज नहीं हुई सुरक्षा संबंधी चिंताएं
सूत्रों का कहना है कि विदेशों में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। इसलिए इस दिशा में बेहद सावधानीपूर्वक कदम उठाए जाएंगे। कोविशील्ड का उत्पादन करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि अभी तक की समीक्षा में भारत में कोविशील्ड या कोवैक्सिन से जुड़ी किसी प्रकार की सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है।
सरकार पर लग रहा पर्याप्त आंकड़े साझा न करने का आरोप
हालांकि, कई लोग सरकार की तरफ से प्रतिकूल प्रभावों की जांच के लिए सरकार की तरफ से पर्याप्त आंकड़े मुहैया न कराने का भी आरोप लगाते हैं। ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क (AIDAN) से जुड़ीं मालिनी आइसोला ने कहा कि भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की यूरोप और इंग्लैंड से ज्यादा खुराकें दी जा रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इसके प्रतिकूल प्रभावों से जुड़े आंकड़े साझा नहीं कर रही है और गंभीर प्रभावों से इनकार किया जा रहा है।